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नई दिल्ली: रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा कि दूरसंचार क्षेत्र आईसीसीयू में है और इससे सरकार और बैंकों को जोखिम उठाना पड़ सकता है। साथ ही उन्होंने क्षेत्र में उभरते एकाधिकार वाली बाजार परिस्थिति को लेकर भी चेताया है।

उन्होंने वादा किया कि मार्च 2018 तक रिलायंस कम्युनिकेश अपनी सभी कठिनाइयों से बाहर आ जाएगा। उन्होंने कहा कि उसके सभी कर्जदाता कंपनी के कदमों में उसके साथ हैं।

अनिल के बड़े भाई मुकेश अंबानी द्वारा चलाए जा रहे रिलायंस जियो के टेलीकॉम सेक्टर में आने से पहले से ही प्रतिस्पर्धी बाजार में परिस्थितियां और कठिन हुई हैं। अनिल अंबानी ने कहा कि हम संभावित रूप से सीमित प्रतिस्पर्धा वाले बाजार में आगे बढ़ रहे हैं और हमें डर है किसी एक का क्षेत्र में एकाधिकार न हो जाये।

आरकॉम की एनुअल जनरल मीटिंग में अनिल अंबानी ने कहा, वायरलेस और मोबिलिटी सेक्टर को आप किसी भी आयाम से देखें, वो जनरल वॉर्ड में नहीं है और न ही आईसीयू में है बल्कि वह आईसीसीयू में है। ये रेवेन्यू के लिहाज से सरकार के लिए खतरा है।

यह बैंकिंग क्षेत्र के लिये भी खतरा है और इसमें एक क्षेत्र के विनाश की परिस्थितियां बनी हैं। अंबानी ने हालांकि कहा कि आज प्रतिस्पर्धा के स्वरूप में बहुत गिरावट आई है, जिस कारण कुछ विदेशी ऑपरेटरों ने देश छोड़ दिया है। वहीं, दूसरी ओर आरइंफ्रा की एजीएम बैठक में अनिल अंबानी ने कहा कि रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर एक खरब की रक्षा प्रोजेक्ट्स में हिस्सा लेने के लिये जापानी कंपनियों के साथ बातचीत कर रहा है और रिलायंस नेवल और इंजीनियरिंग के लिये राइट्स इश्यू जारी करने की भी योजना बना रहा है।

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