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नई दिल्ली: गिरती जीडीपी और चरमरा रही अर्थव्यवस्था ने मोदी सरकार को चिंता में डाल दिया है। इसको लेकर भाजपा के दिग्गज नेता और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर निशाना साधा है। सिन्हा ने नोटबंदी के फैसले पर भी सरकार को आड़े हाथों लिया है।

अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस में एक लेख के माध्‍यम से सिन्हा ने मोदी सरकार पर तंज कसने का काम किया है। यशवंत सिन्हा कहा कि नोटबंदी ने गिरती जीडीपी में आग में तेल डालने की तरह काम किया है।

पीएम मोदी कहते हैं कि उन्होंने गरीबी को काफी नजदीक से देखा है लेकिन ऐसा लगता है कि उनके वित्तमंत्री इस तरह का काम में लगे हैं कि वह सभी भारतीयों को गरीबी काफी करीब से दिखायेंगे। उन्होंने कहा कि आज के समय में ना ही नौकरी मिल रही है और ना विकास तेज गति से हो पा रहा है। इनवेस्टमेंट घट रही है और जीडीपी भी घट रही है। जीएसटी को सही तरीके से लागू नहीं किया गया, जिसके कारण नौकरी और बिजनेस पर काफी असर पड़ा है।

वित्त मंत्री अरुण जेटली पर तंज कसते हुए उन्होंने लेख में लिखा है कि इस सरकार में वह अभी तक सबसे बड़ा चेहरा रहे हैं। कैबिनेट का नाम तय होने से पहले ही यह तय था कि जेटली ही वित्त मंत्री का पदभार संभालेंगे। लोकसभा चुनाव में हारने के बाद भी उन्हें मंत्री बनने से कोई नहीं रोक सका।

आगे सिन्हा ने लिखा कि इससे पहले वाजपेयी सरकार में जसवंत सिंह और प्रमोद महाजन भी वाजपेयी के करीबी थे लेकिन इसके बाद भी उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया था। लेकिन जेटली को वित्त मंत्रालय के साथ ही रक्षा मंत्रालय भी मिला।

उन्होंने लिखा कि मैंने वित्त मंत्रालय संभाला है और मुझे पता है ये काम इतना आसान काम नहीं है। सिन्हा ने लिखा है कि जीडीपी अभी 5.7 है, सभी को याद रखना चाहिए कि सरकार ने 2015 में जीडीपी तय करने के तरीके को बदला था। अगर पुराने नियमों के हिसाब से देखें तो आज के समय में 3.7 जीडीपी होती।

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