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नई दिल्ली: गुड्स एवं सर्विस टैक्स (जीएसटी) का असर अब जल्द ही हवाई सफर पर पड़ने वाला है। देश की विभिन्न एयरलाइंस ने सरकार से आग्रह किया है कि उन्हें जीएसटी से राहत दी जाए नहीं तो वे किराया बढ़ाने के लिए मजबूर हो जाएंगी। एयरलाइंस अधिकारी के मुताबिक जीएसटी से उनकी लागत पहले से बढ़ गई है और इसी कारण उन्हें किराया बढ़ाने का कदम उठाना पड़ सकता है।

दरअसल विमान के इंजन और पाट्र्स के दोबारा एक्सपोर्ट पर टैक्स लगाया गया है. इससे इंडस्ट्री पर सालाना करीब 2,000 करोड़ रुपये का बोझ पडऩा शुरू हुआ है. भारत में इंजन की रिपेयर की सुविधा नहीं है और इंजन को रिपेयर के लिए विदेश भेजना पड़ता है।

एक एयरलाइन से टॉप आफिशियल का कहना है कि जीएसटी के कारण एयरलाइंस पर 4,750 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और इससे हमारी ऑपरेशनल कॉस्ट बढ़ जाएगी। इससे एयरलाइन इंडस्ट्री को घाटा होने की आशंका है। नए टैक्स से एयरलाइंस का प्रॉफिट समाप्त हो सकता है।

देश की तीन लिस्टेड एयरलाइंस- इंडिगो, जेट एयरवेज और स्पाइसजेट ने मार्च में समाप्त हुए फाइनैंशल इयर में संयुक्त रूप से 2,479 करोड़ रुपये का प्रॉफिट हासिल किया था। नॉन-लिस्टेड एयरलाइंस में गोएयर प्रॉफिट में चल रही अकेली एयरलाइन है। अन्य एयरलाइंस एयर इंडिया, विस्तारा और एयर एशिया इंडिया घाटे में हैं।

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