नई दिल्ली: ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग में कुछ बैंक के कार्डो के इस्तेमाल पर बैन की खबर को आइआरसीटीसी ने गलत बताया है। कल शुक्रवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया था
आइआरसीटीसी ने एसबीआई और आईसीआईसीआई सहित कुछ बैंकों के कार्ड को बैन कर दिया है। इस बीच आज आइआरसीटीसी ने ट्वीट कर इन खबरों को गलत बताया है। आइआरसीटीसी ने बयान जारी कर कहा कि सोशल मीडिया पर कल खबरें चलायी गयी कि कुछ बैंकों के डेबिट कार्ड नहीं स्वीकार नहीं किये जायेंगे। इस तरह की खबर पूरी तरह से गलत है और किसी कार्ड पर रोक नहीं लगायी गयी है।
दरअसल, कल जो खबरें आयी थी। उसमें यह बताया गया था कि आइआरसीटीसी और बैंकों के बीच सुविधा शुल्क के बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ गया है। इसे देखते हुए आइआरसीटीसी ने कुछ बैंकों के कार्ड पर बैन लगाने का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि आइआरसीटीसी ने इस साल की शुरुआत में बैंकों से सुविधा शुल्क की राशि को बराबर-बराबर बांटने के लिए कहा था।
हालांकि बैंकों का आरोप है कि आइआरसीटीसी शुल्क की पूरी राशि खुद ही रखना चाहता है। इस मुद्दे को लेकर भारतीय बैंक एसोसिएशन और आइआरसीटीसी के बीच बातचीत भी बेनतीजा रही। बताते चलें कि नोटबंदी के दिनों में आइआरसीटीसी ने सुविधा शुल्क 20 रुपये घटा दिया था।
इस पूरे मामले पर बैंकों की दलील यह है कि सामान्य तौर पर जो मर्चेंट होता है वह संबंधित बैंक को पैसा देता है। लेकिन आइआरसीटीसी ने आज तक पैसे नहीं दिये। इसलिए हम लोग ग्राहकों से वह चार्ज वसूल रहे हैं। यह काफी वर्षों से यूं ही चला आ रहा है। कार्ड से पेमेंट लेने के लिए जो मर्चेंट बैंक की सर्विस का इस्तेमाल करते हैं, उन्हें एक चार्ज बैंकों को देना होता है।
मालूम हो कि मौजूदा समय में बैंकों को 1000 रुपये तक के कार्ड ट्रांजैक्शन पर 0.25 प्रतिशत और 1000 से 2000 रुपये के ट्रांजैक्शन पर 0.5 प्रतिशत मर्चेंट डिस्काउंट अमाउंट वसूलने की अनुमति है। ज्यादा रकम के ट्रांजैक्शन पर 1 प्रतिशत तक एमडीआर लगाया जाता है।