वाशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आज अपने रक्षा सहयोग को और प्रगाढ़ करने का संकल्प लिया और अमेरिका ने दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में सक्षम गार्जियन ड्रोन की बिक्री भारत को करने की मंजूरी दे दी। व्हाइट हाउस में आयोजित भारत अमेरिका शिखर सम्मेलन के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि अमेरिका के करीबी सहयोगियों की तर्ज पर ही अमेरिका और भारत ने एक समान स्तर पर अत्याधुनिक रक्षा उपकरण एवं प्रौद्योगिकी पर मिलकर काम करने की उम्मीद जतायी। इसके अनुसार, अमेरिका के अहम सहयोगी के तौर पर भारत की मान्यता को स्वीकारते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा व सुरक्षा सहयोग प्रगाढ़ करने का संकल्प जताया। संयुक्त बयान के अनुसार, इसी भागीदारी को प्रदशर्ति करते हुए अमेरिका ने समुद्री रक्षा से संबंधित सी गार्जियन अनमैन्ड एरियल सिस्टम्स की बिक्री के संबंध में भारत के विचार को लेकर अपनी पेशकश की है। इससे भारत की क्षमता में विस्तार होगा और साझा रक्षा हितों का प्रसार होगा। अपने समुद्री सुरक्षा सहयोग को विस्तार देने का संकल्प लेते हुए उन्होंने अपने अपने व्हाइट शिपिंग डाटा साझाकरण व्यवस्था के क्रियान्वयन पर अपने इरादे की घोषणा की, जिससे समुद्री डोमेन जागरुकता पर सहयोग बढ़ेगा।
ट्रंप ने हिंद महासागर में नौवहन संगोष्ठी इंडियन ओशन नेवल सिम्पोजियम में बतौर पर्यवेक्षक अमेरिका को शामिल करने के लिये मोदी के दृढ़ सहयोग का स्वागत किया। आगामी मालाबार नौसेना अभ्यास (अमेरिका, जापान और भारत के बीच) के महत्व को रेखांकित करते हुए नेताओं ने साझा समुद्री उद्देश्यों एवं नये नये अभ्यासों की खोज करने पर अपनी भागीदारी में विस्तार देने का निश्चय किया। गार्जियन ड्रोन की ताकत: 27 घंटे तक भर सकता है उड़ान, निगरानी और खुुुफिया मिशन में कारगर गार्जियन ड्रोन खुफिया जानकारी इकट्ठा करने, निगरानी और दुश्मन की टोह लेने में माहिर है। सामान्य बनावट के कारण ऐसे मिशन में इसको हैंडल करना आसान है। यह ड्रोन एक बार में 27 घंटे तक अधिकतम 50000 फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। यह अपने साथ 1746 किलोग्राम तक विस्फोटक ले जा सकता है। इस ड्रोन का इस्तेमाल इटली, फ्रांस, ब्रिटेन और स्पेन की वायुसेनाएं करती हैं, इसके अलावा अमेरिकी वायुसेना, नासा समेत कई अमेरिकी एजेंसियां भी करती हैं।