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गाजा: चरमपंथी संगठन हमास के साथ चल रहे संघर्ष विराम के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने उत्तरी गाजा पट्टी में पहुंचकर सैनिकों से मुलाकात की। नेतन्याहू ने अपने कार्यालय की ओर से जारी एक वीडियो में कहा, "हम अपने बंधकों को वापस लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं और आखिरकार हम उन सभी को वापस लाएंगे।"
बयान में कहा गया, ''इस जंग में हमारे तीन लक्ष्य हैं- हमास को खत्म करना, हमारे सभी बंधकों को वापस लाना और यह सुनिश्चित करना कि गाजा फिर से इजरायल के लिए खतरा न बने।"
हमें कोई नहीं रोक सकता: पीएम नेतन्याहू
पीएम नेतन्याहू ने कहा, ''हम अंत तक लड़ाई जारी रखेंगे, जब तक कि जीत नहीं मिल जाती। हमें कोई नहीं रोक सकता और हम आश्वस्त हैं कि हमारे पास युद्ध के सभी लक्ष्यों को प्राप्त करने की शक्ति, ताकत, इच्छाशक्ति और दृढ़ संकल्प है और हम ऐसा करेंगे।''
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गाजा: इजरायल और गाजा युद्ध के बीच हमास ने इजरायली बंधकों के दूसरे ग्रुप को भी रिहा कर दिया। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, हमास की कैद से रिहा हुए 17 बंधक रविवार को अपने देश इजरायल पहुंचे, जिनमें 13 इजरायली और 4 थाई नागरिक शामिल हैं। एक अहम बंधक समझौते के तहत सभी बंधकों को उनके परिवारों से मिलवाया गया। इस समझौते के बीच में थोड़े समय के लिए कुछ मुश्किलें जरूर आईं, लेकिन कतर और मिस्त्र की मध्यस्थता से इनको दूर कर लिया गया। यह समझौता दोतरफा है। जिसके तहत 150 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले कुल 50 इजरायली बंधकों की अदला-बदली की जानी है। इससे इस समझौते की नाजुकता का पता चलता है. अब 17 बंधक हमास की कैद से मुक्त होकर अपने देश वापस पहुंच गए हैं।
रेड क्रॉस समिति को सौंपे गए इजरायली बंधक
सामने आई टेलीविजन फुटेज में मिस्र की तरफ से बंधकों को गाजा छोड़ने के बाद राफा बॉर्डर पार करते हुए दिखाया गया है।
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गाजा: इजरायल और हमास के बीच चार दिन का युद्ध विराम समझौता शुक्रवार (24 नवंबर) से शुरू हो गया। इसी के तहत गाजा में हमास के बनाए गए बंधकों का पहले ग्रुप को रिहा किया गया है।
13 इजरायली और 12 थाई नागरिक शामिल
टाइम्स ऑफ इजरायल के मुताबिक, बंधकों का पहला ग्रुप अभी रेड क्रॉस की अंतर्राष्ट्रीय समिति के स्टाफ के पास है। इन्हें एंबुलेंस में दक्षिण गाजा से ले जाकर रफा क्रॉसिंग के जरिए इजरायल में दाखिल कराया जाएगा। दरअसल, समझौते के तहत पहले ग्रुप में महिला और बच्चे सहित 13 लोग हैं। सीएनएन ने मिस्र के हवाले से बताया कि इसके अलावा 12 थाइलैंड के नागिरकों को भी रिहा किया गया।
थाईलैंड के प्रधानमंत्री श्रेथा थाविसिन ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि सुरक्षा विभाग और विदेश मंत्रालय ने इसकी पुष्टि की है कि 12 थाई बंधक पहले ही रिहा हो चुके हैं। दूतावास के अधिकारी अगले एक घंटे में उन्हें लेने जा रहे हैं।
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नई दिल्ली: कतर की एक अदालत ने आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को मौत की सजा के खिलाफ भारत की अपील स्वीकार कर ली है, जिन्हें पिछले महीने जासूसी के एक कथित मामले में सजा सुनाई गई थी। सूत्रों ने कहा कि कतरी अदालत, अपील की जांच के बाद सुनवाई की तारीख तय करेगी। अगस्त 2022 में गिरफ्तार किए गए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारियों, पूर्णेंदु तिवारी, सुगुनाकर पकाला, अमित नागपाल, संजीव गुप्ता, नवतेज सिंह गिल, बीरेंद्र कुमार वर्मा, सौरभ वशिष्ठ और रागेश गोपकुमार हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आठ भारतीयों को कतर की खुफिया एजेंसी ने जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। लेकिन क़तर के अभी तक इनके ऊपर लगे आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया है। उनकी जमानत याचिकाएं कई बार खारिज की गईं और पिछले महीने कतर की अदालत ने उनके खिलाफ फैसला सुनाया।
इससे पहले बृहस्पतिवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कतर की एक अदालत द्वारा भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों को सुनायी गई मौत की सजा के खिलाफ अपील की प्रक्रिया जारी है।
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