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माले/नई दिल्ली: भारत और मालदीव के बीच राजनयिक विवाद की शुरुआत हो गई है। मालदीव की राजधानी माले में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त को देश के विदेश मंत्रालय ने समन भेजा है। द्वीपीय देश की तरफ से ये कदम तब उठाया गया है, जब भारत ने भी नई दिल्ली में मौजूद मालदीव के राजदूत को तलब किया था। भारत की तरफ से लिए गए राजनयिक एक्शन के कुछ ही घंटों के भीतर ही मालदीव में रिएक्शन देखने को मिला है।

भारतीय उच्चायुक्त को भेजा गया समन

मालदीव में मौजूद भारतीय उच्चायोग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उच्चायुक्त को मिले समन की जानकारी दी। उच्चायोग ने ट्वीट किया, 'मालदीव में भारत के उच्चायुक्त मुनु महावर ने आज मालदीव के विदेश मंत्रालय के राजदूत डॉ अली नसीर मोहम्मद के साथ एक पूर्व-निर्धारित बैठक की। इस बैठक में दोनों राजनयिकों ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की है।' मुनु महावर ने नवंबर 2021 में मालदीव में भारतीय उच्चायुक्त की जिम्मेदारी संभाली थी।

ढाका: बांग्लादेश की प्रधानमंत्री एवं अवामी लीग प्रमुख शेख हसीना ने छिटपुट हिंसा और मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी द्वारा चुनावों का बहिष्कार किये जाने के बीच रविवार को गोपालगंज-3 संसदीय सीट पर फिर से शानदार जीत दर्ज की। बीडीन्यूज24 की खबर के अनुसार, शेख हसीना को 249,965 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं बांग्लादेश सुप्रीम पार्टी के एम निजाम उद्दीन लश्कर को महज 469 वोट ही मिले।

गोपालगंज उपायुक्त एवं चुनाव अधिकारी काजी महबुबूल आलम ने नतीजे की घोषणा की। उन्होंने 1986 से आठ बार गोपालगंज-3 सीट पर जीत हासिल की है। प्रधानमंत्री हसीना लगातार चौथा कार्यकाल हासिल करने वाली हैं। उनका अब तक का यह पांचवां कार्यकाल होगा। हसीना 2009 से बांग्लादेश में शासन कर रही हैं। रूझानों के अनुसार, अवामी लीग के उम्मीदवार ज्यादातर सीट पर बढ़त बनाये हुए हैं।

इससे पहले शेख हसीना ने रविवार को कहा कि उन्हें चुनावों को लेकर विदेशी मीडिया की स्वीकृति की कोई परवाह नहीं है क्योंकि देश के लोगों के बीच उनकी स्वीकार्यता ही सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है।

माले: भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले तीन मंत्रियों को मालदीव की सरकार ने रविवार (7 जनवरी) को सस्पेंड कर दिया। जिन मंत्रियों को सस्पेंड किया गया है, उनके नाम मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महजूम माजिद है। सोशल मीडिया पर शुरू हुए विवाद की वजह से भारत में लोगों ने मालदीव की न सिर्फ जमकर आलोचना की है, बल्कि अपनी ट्रिप भी कैंसिल कर दी है।

वहीं, मालदीव सरकार ने बयान जारी कर कहा, 'विदेश मंत्रालय ने आज सोशल मीडिया पर पड़ोसी देश भारत का अपमान करने वाली कुछ पोस्टों के संबंध में भारत सरकार के रुख पर एक बयान जारी किया। सरकारी पद पर रहते हुए सोशल मीडिया पर ऐसे पोस्ट करने वालों को अब नौकरी से सस्पेंड कर दिया गया है।' ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महजूम माजिद कौन हैं, जिनकी वजह से इतना बड़ा बखेड़ा शुरू हो गया।

माले: मालदीव के डिप्टी मिनिस्टर हसन जिहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी को लेकर खुद को और अन्य मंत्रियों के कैबिनेट से निलंबित करने की रिपोर्ट का खंडन किया है। उन्होंने निलंबन की खबरों को फेक बताया।

उनका खंडन ऐसे समय में आया है जब स्थानीय मीडिया आउटलेट अधाधू ने रिपोर्ट दी थी कि मंत्री मरियम शिउना, मालशा शरीफ और महजूम माजिद को प्रधानमंत्री मोदी का मजाक उड़ाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट पर निलंबित कर दिया गया है।

एक सरकारी सूत्र का हवाला देते हुए अधाधु ने बताया कि हाल ही में लक्षद्वीप की यात्रा के बाद पीएम मोदी के खिलाफ अपमानजनक बयान देने के लिए तीन मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया था। इनमें जिहान के अलावा मंत्री मरियम शिउना और जाहिद रमीज के नाम भी शामिल थे।

पीएम मोदी को लेकर की थी अपमानजनक पोस्ट

स्थानीय मीडिया आउटलेट ने बताया था कि मालदीव सरकार के अधिकारियों के एक वर्ग को भी भारतीय नागरिकों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बहस करते देखा गया।

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