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अंकारा: तुर्की ने आज (रविवार) एक बार फिर रूस पर आरोप लगाया है कि उसके लड़ाकू विमान ने देश की हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया है। हालांकि रूस ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। तुर्की ने रूस को सख्त लहजे में कहा कि रूसी लड़ाकू विमान एसयू-34 ने चेतावनी देने के बाद भी उसके हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया। रूस के रक्षामंत्री के प्रवक्ता मेजर-जनरल इगोर कोनाशीनकोव ने इन आरोपों को ‘‘पूरी तरह प्रापगैन्डा’’ करार देते हुए कहा कि किसी भी रूसी विमान ने तुर्की के हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं किया हैं। उन्होंने कहा, ‘‘तुर्की में लगे रडार की इतनी क्षमता नहीं है की वह किसी विशेष विमान या राष्ट्रीयता की पहचान कर सके। इस से संबंधित कोई मौखिक चेतावनी अंग्रेजी या रूसी में हमें नहीं दिया गया है।’’ तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इस मामले में रूस के राजदूत को तलब किया गया।

इस उल्लंघन से यह पता चलता है की रूस चाहता है दोनों देशों के बीच तनाव बना रहे। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘ हम रूस को स्पष्ट रूप से कहना चाहते है कि हमारे वह हवाई क्षेत्र का उल्लंघन ना करे यह हवाई क्षेत्र नाटो का भी है। इस तरह के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के अवांछित परिणामों के लिए रूस पूरी तरह जिम्मेदार होगा।’’ नाटो के महासचिव जेन्स स्टॉलटेनबर्ग ने भी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन होने का आरोप लगाते हुए रूस से मांग की है कि वह सुनिश्चित करे की फिर से नाटो के हवाई क्षेत्र का उल्लंघन ना हो। तो वहीं तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगान ने कहा कि वह इस घटना के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने विदेश मंत्रालय से कहा है कि मैं व्यक्तिगत तौर पर पुतिन से मिलना चाहता हूं पर अभी तक इस पर रूस की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है।’’ पिछले वर्ष नवंबर में हवाई क्षेत्र के उल्लंघन को लेकर तुर्की ने रूस के एक लड़ाकू विमान को मार गिराया था। इससे दोनों देशों के रिश्तों में तनाव आया है। रूस ने तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिया, जिससे तुर्की का पर्यटन और निर्यात प्रभावित हुआ।

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