नई दिल्ली: इजराइल में प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ज्यूडिशियल रिफॉर्म बिल के विरोध में पूरा देश सड़कों पर उतर आया है। प्रदर्शन सोमवार को फिर से तेज हो गए। वहीं, भारत में भी इजराइल दूतावास कट्टर दक्षिणपंथी सरकार के विरोध में अपने सबसे बड़े श्रमिक संघ द्वारा बुलाई गई हड़ताल में भाग ले रहा है।
इसकी जानकारी इजराइल की सबसे बड़ी ट्रे़ड यूनियन के हेड इसाक हेर्जोग ने दी है। इजराइल के तेल अवीव एयरपोर्ट पर काम करने वाले सभी लोग नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ हड़ताल पर चले गए हैं। इसके चलते फ्लाइट्स के टेक ऑफ करने पर रोक लगा दी गई है।
इजराइल के सबसे बड़े श्रमिक संघ ने दुनिया भर में इजराइल के राजनयिक मिशनों सहित सभी सरकारी कर्मचारियों को हड़ताल पर जाने का निर्देश दिया। भारत में इजराइल के दूतावास ने सोमवार शाम बयान में कहा, "इजराइल का दूतावास अगली सूचना तक आज बंद रहेगा। कोई कांसुलर सेवाएं प्रदान नहीं की जाएंगी।"
भारत और दुनिया भर में सभी इजराइली मिशनों के अधिकारी तब तक हड़ताल पर रहेंगे, जब तक इसे बंद नहीं कर दिया जाता।
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार को रक्षा मंत्री योआव गैलैंट को बर्खास्त कर दिया। योआव ने शनिवार को टीवी पर एक प्रोग्राम में कहा था कि देश के न्यायालय को कमजोर करने के लिए जो बिल लाया गया है, उससे मिलिट्री में भी फूट पड़ रही है। इससे देश की सुरक्षा को खतरा है। सरकार को विपक्ष के साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए। इसी बयान को लेकर उन्हें बर्खास्त किया गया।
इसके बाद इजराइल में लाखों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए. उन्होंने नेतन्याहू से विवादित बिल को वापस लेने की मांग की। प्रदर्शन के दौरान लोगों ने इजराइल की राजधानी तेल अवीव के मेन हाइवे को ब्लॉक कर दिया। इजराइल के लोगों ने रविवार को प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू के निजी घर के बाहर भी जोरदार प्रदर्शन किया। पुलिस की इन लोगों से झड़प हुई।