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नई दिल्ली: पीएम मोदी ने जर्मनी में भारतीय मूल के लोगों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जो डेमोक्रेसी हमारा गौरव है, जो डेमोक्रेसी हर भारतीय के डीएनए में है, आज से सैंतालीस साल पहले इसी समय उस डेमोक्रेसी को बंधक बनाने, डेमोक्रेसी को कुचलने का प्रयास किया गया था। भारत के लोगों ने लोकतंत्र को कुचलने की सारी साजिशों का जवाब, लोकतांत्रिक तरीके से ही दिया है। हम भारतीय कहीं भी रहें, अपनी डेमोक्रेसी पर गर्व करते हैं। हर हिंदुस्तानी गर्व से कहता है, भारत मदर ऑफ डेमोक्रेसी है।

पीएम ने कहा कि भारत ने दिखाया है कि इतने विशाल और इतनी विविधता भरे देश में डेमोक्रेसी कितने बेहतर तरीके से डिलिवर कर रही है। जिस तरह करोड़ों भारतीयों ने मिलकर बड़े-बड़े लक्ष्य हासिल किए हैं, वो अभूतपूर्व है। आज भारत का हर गांव ओपन डिफेक्शन फ्री है।

पीएम मोदी ने कहा कि आज भारत के हर गांव तक बिजली पहुंच चुकी है। आज भारत का लगभग हर गांव, सड़क मार्ग से जुड़ चुका है।

उन्होंने कहा, भारत के 99 प्रतिशत से ज्यादा लोगों के पास क्लीन कुकिंग के लिए गैस कनेक्शन है। भारत का हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ा हुआ है। आज भारत के हर गरीब को 5 लाख रुपए के मुफ्त इलाज की सुविधा उपलब्ध है। कोरोना के इस समय में भारत पिछले दो साल से 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त अनाज सुनिश्चित कर रहा है। इतना ही नहीं, आज भारत में औसतन हर 10 दिन में एक यूनिकॉर्न बन रहा है। उन्होंने कहा कि आज 21वीं सदी का भारत, चौथी औद्योगिक क्रांति में, इंडस्ट्री 4.0 में, पीछे रहने वालों में नहीं बल्कि इस औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने वालों में से एक है। सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल प्रौद्योगिकी में भारत अपना परचम लहरा रहा है।

संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि भारत अब तत्पर है, तैयार है, अधीर है। भारत अधीर है, प्रगति के लिए, विकास के लिए। भारत अधीर है, अपने सपनों के लिए, अपने सपनों की सिद्धि के लिए। आज भारत में 90 प्रतिशत व्यस्कों को वैक्सीन की दोनों डोज़ लग चुकी हैं। 95 प्रतिशत व्यस्क ऐसे हैं, जो कम से कम एक डोज़ ले चुके हैं। ये वही भारत है, जिसके बारे में कुछ लोग कह रहे थे कि सवा अरब आबादी को वैक्सीन लगाने में 10-15 साल लग जाएंगे। मुश्किल से मुश्किल हालातों में भी भारत के लोगों का हौसला ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है। पिछले साल हमने अब तक का सबसे ज्यादा निर्यात किया है। ये इस बात का सबूत है कि एक ओर हमारे निर्माता नए अवसरों के लिए तैयार हो चुके हैं, वहीं दुनिया भी हमें उम्मीद और विश्वास से देख रही है। उन्होंने कहा कि क्लाइमेट चेंज, आज ये भारत में केवल सरकारी पॉलिसीज़ का मुद्दा नहीं है। भारत का युवा ईवी और ऐसी ही दूसरी प्रो-क्लाइमेट टेक्नोलॉजीस में निवेश कर रहा है। सतत जलवायु प्रथाएं आज भारत के सामान्य से सामान्य मानवी के जीवन का हिस्सा बन रही हैं।

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