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दुबई: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने भारत में उत्पन्न होने वाले गेहूं और गेहूं के आटे के निर्यात और पुन: निर्यात में चार महीने के निलंबन का आदेश दिया है। राज्य समाचार एजेंसी डब्ल्यूएए से बुधवार को ये जानकारी मिली है। मीडिया रिर्पोटस के अनुसार खाड़ी देश के अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने इस फैसले के पीछे का कारण वैश्विक व्यापार प्रवाह में रुकावट को दिया है। साथ ही कहा कि भारत ने घरेलू खपत के लिए संयुक्त अरब अमीरात को गेहूं के निर्यात को मंजूरी दी थी।

एक बयान में कहा गया है कि 13 मई से पहले यूएई में लाए गए भारतीय गेहूं का निर्यात या पुन: निर्यात करने की इच्छुक कंपनियों को पहले अर्थव्यवस्था मंत्रालय को आवेदन करना होगा।

भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अनाज उत्पादक है। वहीं भारत ने घरेलू स्तर पर बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के उपायों के तहत गेहूं के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि, विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने 13 मई को जारी इस अधिसूचना में कहा, ‘‘इस अधिसूचना की तारीख या उससे पहले जिस खेप के लिए अपरिवर्तनीय ऋण पत्र (एलओसी) जारी किए गए हैं, उसके निर्यात की अनुमति होगी।''

संयुक्त अरब अमीरात और भारत ने फरवरी में एक व्यापक व्यापार और निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। जो कि एक-दूसरे के सामानों पर सभी शुल्कों की कटौती से जुड़ा हुआ था। इसका मकसद पांच वर्षों के भीतर अपने वार्षिक व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाने का लक्ष्य है। व्यापक आर्थिक भागीदारी व्यापार समझौते (सीईपीए) के रूप में जाना जाने वाला ये समझौता 1 मई को प्रभावी हुआ।

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