नई दिल्ली: भाजपा से निलंबित नेत्री नूपुर शर्मा के बयान पर पूरी दुनिया में बवाल मचा हुआ है। एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए बयान के बाद इस्लामिक देश गुस्से से उबल पड़े हैं और इसका विरोध कर रहे हैं। पहले कतर, बहरीन, कुवैत और ईरान ने इसकी निंदी की थी। अब मामला मालदीव की संसद तक भी पहुंच गया। मालदीव की संसद में एक आपातकालीन प्रस्ताव पेश किया गया। यह नूपुर शर्मा के बयान के खिलाफ पेश किया गया था, जो कि पास नहीं हो पाया। मालदीव के राष्ट्रपति ने इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की।
वहीं विपक्ष ने खुलकर नूपुर शर्मा के खिलाफ मोर्चा खोला। सदन में इस प्रस्ताव के समर्थन में केवल 10 सांसदों ने वोट किया और 33 सांसदों ने खिलाफ वोट किया। इसके चलते यह प्रस्ताव पास नहीं हो सका। विपक्ष के नेता शरीफ उमर ने कहा कि सरकार इस बयान पर प्रतिक्रिया नहीं दे रही है जो कि चिंताजनक है।
जॉर्डन व इंडोनेशिया ने भी जारी किया बयान
जॉर्डन व इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान की निंदा की है।
इंडोनेशिया ने कहा है कि पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ इस तरह के बयान को कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। इंडोनेशिया के विदेश मंत्रालय ने भारतीय राजदूत को बुलाकर आपत्ति भी जाहिर की।
पाकिस्तान ने भी किया तलब
पाकिस्तान की तरफ से जानकारी दी गई कि उसने भारतीय उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया था। उसका कहना है कि पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान पर विरोध जताने के लिए ऐसा किया गया। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इन बयानों के चलते दुनियाभर के मुसलमानों की भावनाएं आहत हुई हैं।
वहीं ओआईसी और पाकिस्तान के बयान के बाद भारत ने उन्हें आईना दिखा दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि पाकिस्तान की सरकार को अपने सिस्टम और अत्याचार पर फोकस करना चाहिए। वहीं हिंदुओं, ईसाइयों और सिखों के खिलाफ जो कुछ हो रहा है, उसपर ध्यान देना चाहिए।