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नई दिल्‍ली/कतर: पैगंबर मोहम्‍मद पर दो भाजपा नेताओं की टिप्‍पणियों को लेकर खाड़ी देशों की नाराजगी के बाद जहां एक नेता को निलंबित कर दिया गया है। वहीं दूसरे नेता को पार्टी से निष्‍कासित किया गया है। भारत सरकार ने टिप्‍पणियों को "अनुचित" और "संकीर्ण मानसिकता वाली" करार दिया है। देशभर में हुई सांप्रदायिक घटनाओं की पृष्‍ठभूमि में भाजपा की राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता नुपुर शर्मा की ओर से पिछले सप्‍ताह एक टीवी डिबेट में की गई इस टिप्‍पणी के मामले में तीन इस्‍लामी देशों ने भारतीय दूतों को तलब किया है। भाजपा के एक दूसरे नेता नवीन जिंदल ने पैगंबर के बारे में एक ट्वीट किया था, जिसे बढ़ते आक्रामण के बीच उन्‍होंने बाद में डिलीट कर दिया था।

कतर में, भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने कहा कि ये कमेंट्स किसी भी तरह से भारत सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्‍व नहीं करते हैं और यह 'अराजक तत्वों के विचार हैं। कतर के विदेश मंत्रालय ने मित्तल को तलब किया था और कहा था कि "भारत सरकार से कतर मामले में सार्वजनिक माफी और इन टिप्पणियों की तत्काल निंदा की उम्मीद कर रहा है।"

कतर की ओर से यह निंदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के व्यापार को बढ़ावा देने के लिए भारतीय व्यापार जगत के नेताओं के साथ अमीर खाड़ी राज्य के हाई-प्रोफाइल दौरे के बीच सामने आई है। कतर के डिप्टी अमीर की ओर से उप राष्‍ट्रपति वेंकैया नायडू के लिए आयोजित होने वाले डिनर को कथित तौर पर स्‍वास्‍थ्‍य कारणों से रद्द कर दिया गया था। यह पता चला है कि डिप्टी अमीर कथित तौर पर कोविड एक्‍सपोजर के संपर्क में आए थे और उप राष्‍ट्रपति नायडू के दोहा पहुंचने के पहले ही भारत को इस बारे में सूचना दे दी गई थी।

कतर की तरह पड़ोसी कुवैत ने भी भारत के राजदूत को तलब किया और इन शत्रुतापूर्ण बयानों के लिए सार्वजनिक माफी की मांग की। कुवैत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय राजदूत को रविवार को तलब किया गया और एशिया मामलों के सहायक विदेश मंत्री ने उन्हें एक आधिकारिक विरोध नोट सौंपा, जिसमें पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ भाजपा नेता की टिप्पणियों को स्पष्ट रूप से खारिज करते हुए इनकी निंदा की गई है। इसी तरह, ईरान में भारतीय राजदूत धामू गद्दाम को तेहरान में रविवार शाम को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया, जहां विवादास्पद टिप्पणी को लेकर कड़ा विरोध जताया गया. अर्द्ध सरकारी समाचार एजेंसी ‘मेहर' के मुताबिक भारतीय राजदूत ने खेद व्यक्त किया और पैगंबर के किसी भी अपमान को अस्वीकार्य बताया।

आज सुबह, विदेश मंत्रालय ने इस मामले में मुस्लिम राष्ट्रों के एक संगठन (ओआईसी) द्वारा की गई टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि आईसी की टिप्पणी "अनुचित" और "संकीर्ण मानसिकता वाली" है। इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के महासचिव के हालिया बयान के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, "हमने भारत पर इस्लामिक सहयोग संगठन के महासचिव का बयान देखा है। भारत सरकार ओआईसी सचिवालय की अनुचित और संकीर्ण सोच वाली टिप्पणियों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है। नई दिल्ली सभी धर्मों के प्रति सर्वोच्च सम्मान का भाव रखती है।" बागची ने कहा, ‘‘कुछ व्यक्तियों द्वारा एक पूजनीय हस्ती के खिलाफ आक्रामक ट्वीट एवं अमर्यादित टिप्पणी की गई। ये टिप्पणियां किसी भी रूप में भारत सरकार के विचारों को प्रदर्शित नहीं करती हैं।'' उन्होंने कहा कि संबंधित निकायों द्वारा इन लोगों के खिलाफ पहले ही कड़ी कार्रवाई की जा चुकी है।

 

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