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नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन में तनाव कम होता नहीं दिख रहा। ऐसे में दुनिया के कई देश रूस पर लगाम लगाने के लिए आर्थिक प्रतिबंधों की चोट कर रहे हैं। लेकिन रूसी राष्ट्रपति पुतिन टस से मस नहीं हो रहे। जहां हर रोज रूस के खिलाफ रोजाना कोई न कोई सख्त फैसला लिया जा रहा है। इसी बीच अमेरिका अब रूस के खिलाफ प्रतिबंधों का दायरा बढ़ाने में लगा है, ताकि किसी भी सूरत में बिगड़ती अर्थव्यस्था का असर रूस पर और ज्यादा हों और उसका रूख कुछ नरम पड़े। आइए यहां जानते हैं रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी ताजातरीन बातें।

रूस-यूक्रेन युद्ध से जुड़ी अहम जानकारियां:-

यूक्रेन की राजधानी कीव में धमाकों की आवाज सुनी गई. रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी के करीब पहुंच गई. कीव में सीएनएन ने आज सुबह के शुरुआती घंटों में विस्फोटों की सुनवाई की सूचना दी। यूक्रेनी राजधानी के बाहरी इलाके में लड़ाई जारी है। शहर के प्रशासन का कहना है कि उत्तर का इलाका सबसे खतरनाक माना जा रहा है. शहर के पूर्व में, नीपर नदी के पार, ब्रोवरी में भी लड़ाई तेज हो गई है।

यूक्रेन की संसद ने ट्विटर पर कहा, "10 कब्जाधारियों के एक समूह ने मेलिटोपोल के मेयर इवान फेडोरोव का अपहरण कर लिया। शुक्रवार देर रात एक वीडियो संदेश में, ज़ेलेंस्की ने अपहरण की पुष्टि की। उनके अनुसार, फेडोरोव ने शहर पर कब्जा करने वाली रूसी सेना के साथ सहयोग करने से मना कर दिया था। जिसके बाद उन्हें सिटी क्राइसिस सेंटर में हिरासत में लिया गया था।

अमेरिका लगातार रूस के खिलाफ सख्त कदम उठा रहा है। विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड ने यह कहा कि वाणिज्य विभाग ने रूस और बेलारूस को यूएस लग्जरी के सामानों के निर्यात पर नए नियंत्रण लगाए हैं। उन्होंने कहा, हमने रूसी शराब, समुद्री भोजन और गैर-औद्योगिक हीरों पर आयात प्रतिबंध भी लगाया है। नेड प्राइस ने कहा, हम यूक्रेन के साथ प्रतिबद्ध और एकजुट रहेंगे। हमारी तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों या अन्य लागतों से रूस को कोई राहत नहीं मिलेगी और ये प्रतिबंध रूस पर तब तक लगे रहेंगे जब तक कि पुतिन अपना रास्ता नहीं बदलते और अपनी क्रूर आक्रामकता में नरमी नहीं लाते हैं।

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रूस को दिए गए ‘सर्वाधिक तरजीह देश' (एमएफएन) का दर्जा वापस लेने की घोषणा की। इसी के साथ रूस से समुद्री खाद्य उत्पादों (सीफूड), शराब एवं हीरों के आयात पर भी रोक लगा दी। अमेरिकी सरकार का रूस से एमएफएन का दर्जा वापस लेने का निर्णय यूरोपीय संघ और जी-7 समूह के देशों के साथ मिलकर लिया गया। सर्वाधिक तरजीह वाले देश का दर्जा वापस लेने से अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस से किये जाने वाले आयात पर भारी शुल्क लगा सकेंगे। इस नए निर्णय से अमेरिका और सहयोगी देश रूस की अर्थव्यवस्था पर करारी चोट करना चाहते हैं।

यूक्रेन पर हमला करने वाले देश रूस के लिए आर्थिक तौर पर बुरी खबरें सामने आ रही है। अब रूस में भी जर्मनी के ड्यूश बैंक ने अपना परिचालन बंद कर दिया. जर्मनी के सबसे बड़े बैंक ने शुक्रवार को कहा कि वह यूक्रेन पर मास्को के आक्रमण के विरोध में रूस में अपने परिचालन को बंद करने के लिए अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियों का अनुसरण कर रहा है। इससे पहले ही रूस में दुनियाभर की 300 से ज्यादा नामचीन फर्म अपना काम समेट चुकी है।

यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने रूस के आक्रमण के खिलाफ पोलिश समर्थन की प्रशंसा की। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने पोलिश समकक्ष आंद्रेज डूडा और पोलिश लोगों को एक संदेश में कहा, "जब आपके पास कोई ऐसा व्यक्ति होता है जो आपको चोट पहुँचाता है, तो किसी ऐसे व्यक्ति का होना बहुत ज़रूरी है जो आपके लिए अपना कंधा पेश करे।

ब्रिटेन की सरकार ने रूसी संसद के निचले सदन ड्यूमा के 386 सदस्यों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। ड्यूमा के इन सभी सदस्यों ने रूस द्वारा यूक्रेन के लुहांस्क और दोनेत्स्क प्रांतों को स्वतंत्र गणराज्य के रूप में मान्यता देने में अहम भूमिका अदा की थी। ब्रिटेन के विदेश, राष्ट्रमंडल एवं विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने इन प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा कि इसके तहत रूसी सांसदों को ब्रिटेन की यात्रा करने, ब्रिटेन में अपनी संपत्ति का उपयोग करने और कारोबार करने की मनाही होगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने शुक्रवार को कहा कि रूस को रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि यूक्रेन में रूस से अमेरिका नहीं लड़ेगा क्योंकि नाटो और मास्को के बीच सीधा टकराव से तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत हो जाएगी। बाइडन ने व्हाइट हाउस में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम यूरोप में अपने सहयोगियों के साथ खड़े रहना और सटीक संदेश भेजना जारी रखेंगे। हम अमेरिका की पूरी शक्ति के साथ नाटो क्षेत्र के एक-एक इंच की रक्षा करेंगे और नाटो की मदद करेंगे।''

यूरोपियन यूनियन के विदेश नीति प्रमुख ने कहा कि विश्व शक्तियों के साथ ईरान के परमाणु समझौते को लेकर चल रही बातचीत को कुछ समय के लिए रोकने की जरूरत है। विदेश नीति प्रमुख जोसेफ बोरेल ने देरी के लिए ‘बाहरी कारकों' को जिम्मेदार ठहराया है। अमेरिका और अन्य विश्व शक्तियों के बीच 2015 में ईरान ने एक समझौता किया था, जिसके तहत उसने अपना परमाणु कार्यक्रम को सीमित किया था।

रूस ने यूक्रेन में जैविक प्रयोगशालाओं के मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक बुलायी, जिसमें भारत ने कहा है कि जैविक और विषाक्त हथियार कन्वेंशन के तहत दायित्वों से जुड़े विषयों को संबद्ध पक्षों के बीच परामर्श एवं सहयोग के जरिये सुलझाया जाना चाहिए। चीन के प्रधानमंत्री ने ‘‘यूक्रेन में मौजूदा स्थिति को गंभीर'' बताते हुए कहा कि फिलहाल स्थिति के नियंत्रण से बाहर जाने या उकसावे से बचकर तनाव को कम करने की जरूरत है।

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