नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़े दस दिन से ज्यादा का समय बीत गया है। लेकिन दोनों देशों के बीच जंग अभी भी जारी है। रूस के हमले के बाद यूक्रेन के दस लाख से ज्यादा लोग शरणार्थी की जिंदगी जीने पर मजबूर हो गए। वहीं रूस पर लगातार लगाए जा रहे कड़े प्रतिबंधों के बाद भी पुतिन अपने फैसले से पीछे नहीं हट रहे। जबकि यूक्रेन में हालात लगातार भयावह होते जा रहे हैं। लेकिन यूक्रेनी राष्ट्रपति भी रूस के सामने हथियार डालने को राजी नहीं। ऐसे में दोनों देशों के बीच की जंग अब दुनियाभर के लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है। हर कोई इसी के इंतजार में है कि आखिर ये जंग कब रूकेगी।
रूस-उक्रेन युद्ध से जुड़ी अहम जानकारियां:-
यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह अब यूक्रेन के लिए नाटो सदस्यता के लिए किसी तरह का दबाव नहीं डाल रहे हैं। नाटो की सदस्यता का जिक्र करते हुए जेलेंस्की ने एक कहा कि वह ऐसे देश का राष्ट्रपति नहीं बनना चाहते जो घुटनों के बल कुछ भीख मांग रहा हो।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रूसी तेल, गैस और कोयले के अमेरिकी आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करते हुए कहा कि ये पुतिन के लिए कभी जीत नहीं होगी। वहीं ब्रिटेन ने कहा कि वह इस साल के अंत तक रूसी तेल आयात को भी चरणबद्ध तरीके से बंद कर देगा।
संयुक्त राज्य अमेरिका ने मंगलवार को अमेरिकी हवाई अड्डे के माध्यम से मिग-29 लड़ाकू विमानों को यूक्रेन भेजने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया। यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने हाल ही में अमेरिकी से सैन्य मदद खासकर रूस निर्मित लड़ाकू विमानों की मांग की थी। लेकिन उनके प्रस्ताव को अमेरिका ने ये कहते हुए दरकिनार कर दिया कि ये पूरे नाटो गठबंधन के लिए चिंता का विषय है।
ब्रिटेन की विदेश सचिव लिज़ ट्रस आज वाशिंगटन में अपने अमेरिकी समकक्ष एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात करेगी। साथ ही मुलाकात के दौरान ये चर्चा भी होगी कि यूक्रेन की मदद करने और रूस पर ऊर्जा निर्भरता को कम करने के लिए और क्या-क्या किया जा सकता है। इसलिए इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अपने देश पर रूस के हमले के बाद मंगलवार को ब्रिटेन के सांसदों से रूस को ‘‘आतंकवादी देश'' के रूप में घोषित करने के साथ और अधिक सख्त प्रतिबंधों का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश के हवाई क्षेत्र सुरक्षित हैं।
यूरोपीय संघ ने यूक्रेन में मानवीय सहायता के लिए 500 मिलियन यूरो की घोषणा की है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अब तक रूसी आक्रमण से भाग रहे 20 लाख शरणार्थियों जगह दी है और लाखों लोगों के शरणार्थी बनने की उम्मीद है।
यूक्रेन पर हमले के बाद दुनिया की प्रमुख कंपनियां रूस में अपना कामकाज रोक रही है। इसी बीच मैकडॉनल्ड्स, कोका-कोला और स्टारबक्स ने भी रूस में अपने संचालन को निलंबित कर दिया है। इससे पहले भी कई कैजुअलवियर कंपनियां समेत और कई नामी कंपनियां रूस में अपना संचालन बंद कर चुकी है।
बीबीसी ने घोषणा की कि वह रूस से अंग्रेजी भाषा के प्रसारण को फिर शुरू कर रहा है। एक नए बयान में, बीबीसी ने कहा कि उसने रूस के अंदर से रिपोर्ट करने की तत्काल आवश्यकता के साथ नए कानून पर विचार किया। रूस ने सेना के खिलाफ फर्जी खबर का प्रसारण करने पर कठोर सजा का प्रावधान किया था, जिसके बाद बीबीसी समेत कई मीडिया हाउस ने रूस में अपने काम पर रोक लगा दी थी।
संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी यूएनएचसीआर ने कहा कि रूस के हमले के बीच शहरों से सुरक्षित ह्यूमन कॉरिडोर बनाने के नए प्रयासों के बीच, पूर्वी और मध्य यूरोप में यूक्रेन से भागने वाले लोगों की संख्या मंगलवार को दो मिलियन तक पहुंच गई।
यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने हाउस ऑफ कॉमंस में संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने कहा, हम न सरेंडर करेंगे न हथियार डालेंगे। 13 दिन हो गए लोगों के पास खाने पीने तक को नहीं है। रूसी फौज खाना पानी नहीं आने दे रही। रशिया ने 10 हजार से ज्यादा लोगों को मार डाला है। हमें जो मदद मिली है उसके लिए धन्यवाद। हमारी मदद करने वालों का शुक्रिया।