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कीव: यूक्रेन और रूस में जंग के बीच तीसरे दौर की वार्ता में कुछ सकारात्मक संकेत मिले हैं। रूस के रुख से सहमति जताते हुए यूक्रेन ने कहा है कि अब वो नाटो सदस्यता पर जोर नहीं दे रहा है। यूक्रेन के राष्ट्पति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि अब वो नाटो की सदस्यता पर जोर नहीं दे रहे हैं। यह एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जिसको रूस लगातार पश्चिमी समर्थक यूक्रेन पर हमले की एक बड़ी वजह बताता जा रहा है।

यूक्रेन के प्रेसिडेंट ने रूस से सहमति जताई

एक अन्य मसले पर मॉस्को के रुख से परोक्ष सहमति जताते हुए जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन से अलग दो रूसी समर्थक क्षेत्रों की स्थिति को लेकर भी समझौते को लेकर खुला रुख रखते हैं। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन यूक्रेन पर 24 फरवरी को हमले के पहले इन्हें स्वतंत्र देश घोषित कर चुके हैं।

जेलेंस्की ने एबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, मैं इस सवाल के बारे में बहुत पहले ही शांत हो गया था जब हम समझ गए थे कि ... नाटो यूक्रेन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है। जेलेंस्की ने कहा, नाटो गठबंधन विवादित चीजों से भयभीत है और रूस से टकराव से भी।

नाटो सदस्यता पर जेलेंस्की ने कहा, वह किसी ऐसे देश का राष्ट्रपति नहीं रहना चाहते, जो घुटनों के बल बैठकर किसी चीज की भीख मांगे। नाटो गठबंधन की स्थापना शीत युद्ध की शुरुआत में यूरोप को सोवियत संघ से बचाने के लिए की गई थी।

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