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नई दिल्ली: रूस के हमले में यूक्रेन के सुमी शहर में फंसे सभी 694 भारतीय विद्यार्थियों को वहां से बाहर निकाल लिया गया है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसकी जानकारी दी है। पुरी ने बताया कि सभी लोग बसों में सवार होकर पोल्तवा के लिए निकल चुके हैं। कुछ देर पहले ही यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा था कि यूक्रेन ने मंगलवार को उत्तर-पूर्वी शहर सुमी और राजधानी कीव के पास इरपिन शहर से नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया है। रूसी और यूक्रेनी अधिकारियों द्वारा "मानवीय गलियारों" की स्थापना के लिए सहमत होने के बाद निकासी शुरू हुई ताकि नागरिकों को रूसी बलों द्वारा घिरे कुछ शहरों और शहरों से बाहर निकलने की अनुमति मिल सके।

इससे पहले नई दिल्ली स्थित रूसी दूतावास ने ट्वीट कर ये जानकारी दी थी कि सुमी से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित निकासी के लिए भारतीय समयानुसार दोपहर 13.30 बजे रूस संघर्षविराम करेगा ताकि मानवीय गलियारा बनाया जा सके।

बता दें कि रूस-यूक्रेन युद्ध का आज 13वां दिन है। यूक्रेन की राजधानी कीव से लगभग 350 किलोमीटर दूर पूर्व में यूक्रेन के दूसरे शहर सुमी में रूसी सेना ने एयर स्ट्राइक की है। इस हवाई हमले में दो बच्चों सहित कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई है।

गौरतलब है कि भारत ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक 13 हजार से ज्यादा भारतीयों को स्वदेश ला चुका है। जबकि करीब तीन हजार भारतीय यूक्रेन के पड़ोसी यूरोपीय देशों में सुरक्षित पहुंच चुके हैं। खारकीव से भारतीयो को निकालने के बाद सुमी सरकार की सबसे बड़ी चिंता थी और वहां से भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी बड़ी राहत लेकर आई है।

यूक्रेन की राजधानी कीव में घायल हुए भारतीय हरजोत सिंह को भी सोमवार को स्वदेश लाया जा चुका है. सरकार का कहना है कि ऑपरेशन गंगा के तहत निजी विमानन कंपनियों के अलावा वायुसेना के विमानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

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