नई दिल्ली: रूस के हमले के दस दिन पूरे होने के बीच यूक्रेन के राजनीतिक दलों में ही मतभेद सामने आने लगे हैं। यूक्रेन के पूर्व पीएम ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपति वोल्डोमीर जेलेंस्की ने ही रूस को जैपरेजिया परमाणु बिजली संयंत्र पर हमले के लिए भड़काया है। रूस का कहना है कि यूक्रेनी प्रशासन ने देर रात उन्हें उकसाया था और आरोप लगाया था कि रूस जैपोरेजिया न्यूक्लियर पावर प्लांट में रेडियोएक्टिव विकिरण की तैयारी में लगा हुआ है। यूक्रेन के पूर्व पीएम माइकोला अजारोव ने स्पूतनिक को दिए इंटरव्यू में कहा, जेलेंस्की ने न्यूक्लियर पावर प्लांट को लेकर उकसावेभरी कार्रवाई की थी, ताकि पश्चिमी देशों को यूक्रेन में नो फ्लाई जोन लागू करने के लिए मनाया जा सके।
आरोपों में कहा गया है कि परमाणु संयंत्र के आसपास गश्त लगा रहे रूसी नेशनल गार्ड पर यूक्रेनी के तोड़फोड़ करने वाले गुटों ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। ये हमले संयंत्र के पास की शैक्षणिक औऱ प्रशिक्षण वाले परिसरों की इमारतों से किए गए। हालांकि यूक्रेन के इन समूहों की गोलाबारी का जवाब दिया गया।'
अजारोव ने कहा, यह जानबूझकर भड़काने वाली कार्रवाई थी। दरअसल रूस या यूक्रेन के सैनिक कभी यूरोप के इस सबसे बड़े न्यूक्लियर पावर प्लांट में ऐसी उकसावे भरी कार्रवाई नहीं कर सकते हैं। इस परमाणु संयंत्र में छह न्यूक्लियर रिएक्टर हैं। उनका कहना है कि ट्रेनिंग सेंटर में लगी मामूली आग भी इस परमाणु बिजली संयंत्र में आपात स्थिति पैदा कर सकती है।
ऐसे में सबसे पहले ये कहा जा सकता है कि यह पूरी तरह सो से सोची समझी उकसावे भरी कार्रवाई थी। दूसरा जेलेंस्की का इस पर त्वरित प्रतिक्रिया आना और अमेरिका और ब्रिटेन को गलत जानकारी देना भी यह साबित करता है कि यह पूर्व नियोजित था। यूक्रेन के आसमान में नो फ्लाई जोन लागू करवाने के लिए ऐसी कवायद की गई थी।