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नई दिल्ली: रूसी सेनाओं के बड़े पैमाने पर मिसाइल और रॉकेट हमलों के जरिए यूक्रेन के प्रमुख शहरों को घेरने पर यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने आज कहा कि उनके देश पर "आक्रमण" के लिए रूस भरपाई करेगा। दरअसल, यूक्रेन के शहरों को रूस अपने नियंत्रण में लेने में लगा हुआ है और यूक्रेन की राजधानी कीव के पास बमबारी तेज कर दी है। रूसी सेना ने यूक्रेन के खेरसन शहर पर कब्जा कर लिया है, स्थानीय अधिकारियों ने बुधवार देर रात इसकी पुष्टि की है।

वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि वह युद्ध के बाद यूक्रेन के पुनर्निर्माण के लिए काम करेंगे. हमारे पास अपनी स्वतंत्रता के अलावा खोने के लिए कुछ भी नहीं है। यूक्रेन को अपने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों से दैनिक हथियारों की आपूर्ति प्राप्त हो रही है।जेलेंस्की ने एक वीडियो में कहा, "हम हर घर, हर गली, हर शहर को बहाल करेंगे और हम रूस से कहते हैं, पुनर्मूल्यांकन और योगदान के बारे में सीखें। आपने हमारे राज्य के खिलाफ, हर यूक्रेनी के खिलाफ जो कुछ भी किया, उसकी भरपाई आप करेंगे।"

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने पश्चिमी राजनेताओं पर परमाणु युद्ध पर विचार करने का आरोप लगाया।

लावरोव ने रूसी और विदेशी मीडिया से कहा, "मैं यह बताना चाहूंगा कि परमाणु युद्ध का विचार पश्चिमी राजनेताओं के दिमाग में लगातार घूम रहा है, न कि रूसियों के।"

रूसी सेना ने दक्षिणी यूक्रेन में खेरसॉन के काला सागर बंदरगाह पर कब्जा कर लिया है, जो मॉस्को के लिए कई झटके के बाद कब्जे में आने वाला पहला बड़ा शहर है। वे रणनीतिक बंदरगाह शहर मारियुपोल को भी घेरने में जुटे हुए हैं, जहां पानी और बिजली की सप्लाई पूरी तरह ठप है।

संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि रूस के आक्रमण के बाद से दस लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़कर निकल गए हैं और यह संख्या तेजी से बढ़ रही है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने नागरिकों के लिए कीव, खार्किव और मारियुपोल सहित सबसे अधिक प्रभावित यूक्रेनी शहरों को छोड़ने के लिए "मानवीय गलियारों" की भी घोषणा की।

संयुक्त राष्ट्र ने कथित युद्ध अपराधों की जांच शुरू कर दी है, क्योंकि रूसी सेना ने यूक्रेन के शहरों पर गोले और मिसाइलों से बमबारी की, जिससे नागरिकों को बेसमेंटों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा।

अधिकारियों ने बताया कि अब तक 10 लाख के करीब यूक्रेन छोड़कर जाने वाले युद्ध शरणार्थियों के यूरोपीय संघ से एक सुरक्षा तंत्र को तेजी से मंजूरी मिलने की उम्मीद है। साथ ही रोमानिया में भी एक मानवीय केंद्र स्थापित किया जा सकता है।

यूक्रेन पर हमले के आठवें दिन तक यूरोपीय संघ ने रूस पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है।

सरकार के अनुसार, लगभग 8,000 भारतीय, मुख्य रूप से छात्र, अभी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। भारत 24 फरवरी से यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसियों से विशेष उड़ानों के जरिए अपने नागरिकों को निकाल रहा है।

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में रूस के खिलाफ मतदान में हिस्सा नहीं लिया। जिसमें रूस द्वारा यूक्रेन में सैन्य अभियानों को रोकने की मांग करने वाला एक प्रस्ताव 141 मतों के पक्ष में पारित किया गया था। इसके विरोध में पांच मत पड़े, जबकि 35 सदस्यों ने हिस्सा नहीं लिया।

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