नई दिल्ली: युद्ध से प्रभावित यूक्रेन में रूस के हमले तेज होते जा रहे हैं. यूक्रेन में भारी गोलाबारी के बीच भारत ने इस देश के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव से सभी भारतीयों को तत्काल निकलने को कहा है. इंडिया इन यूक्रेन की ओर से ट्वीट किया गया है, 'खारकीव में रह रहे सभी भारतीयों को जरूरी सलाह...अपनी सुरक्षा के लिए खारकीव खरह को तुरंत छोड़ दें. जितनी जल्द संभव हो सके पेसोचिन, बाबाये और बेजलियुडोवका की ओर बढ़ें हर हाल में उन्हें यहां पर यूक्रेन के समयानुसार 1800 बजे तक (शाम छह बजे तक) पहुंचना होगा.'
एक अन्य एडवाइजरी में यह भी कहा गया है कि जिन स्टूडेंट को वाहन नहीं मिले हैं और जो रेलवे स्टेशन पर हैं वे पैदल ही पेसोचिन (11 किमी), बाबाये (12 किमी) और बेजलियुडोवका (16 किमी )की ओर बढ़ें। गूगल मैप के अनुसार, ये स्थान खारकीव के बाहरी इलाके में प्रतीत होते हैं। इस पर तुरंत अमल करें और हर हाल में यू्क्रेनियन समय के अनुसार, शाम छह बजे तक यहां पहुंचें। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर बढ़ती मुश्किलों के बीच यह एडवाइजरी सामने आई है।
खारकीव में रूसी सेना की जबर्दस्त गोलाबारी के कारण कल एक भारतीय स्टूडेंट नवीन शेखरप्पा की मौत हो गई थी। यूक्रेन में खारकीव रेलवे स्टेशन पर मौजूद भारतीय छात्रों ने दावा किया है कि उन्हें ट्रेन से उतार दिया गया। इन छात्रों का कहना है कि एक ट्रेन आकर चली गई लेकिन उन्हें ट्रेन में चढ़ने नहीं दिया जा रहा है। खारकीव रेलवे स्टेशन पर बर्फबारी के बीच खुले में खड़े भारतीय छात्रों ने कहा कि यहां पर ठंड बढ़ रही है और बर्फ पड़ रही है। पता नहीं कब तक हम ऐसे ही खड़े रहेंगे। हमारे साथ लड़कियां भी हैं। छात्रों ने गुहार की है कि जल्द से जल्द उनकी मदद की जाए। खारकीव रेलवे स्टेशन पर इस समय हजारों की भीड़ है। रूसी बमबारी के बीच जान पर खेलकर सैकड़ों भारतीय छात्र खारकीव स्टेशन पहुंचे हैं।
रूस के हमले के कारण यू्क्रेन में हालात बिगड़ते जा रहे हैं
रूस के हमले के बाद यू्क्रेन में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। ऐसे में भारत की तरफ से पुरजोर कोशिश की जा रही है कि वहां फंसे हर भारतीय नागरिक को जल्द से जल्द निकाला जा सका। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज कहा कि भारत ने पिछले 24 घंटों में युद्धग्रस्त यूक्रेन से 1,377 नागरिकों को निकाला है। विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए लिखा कि “पिछले 24 घंटों में अब छह उड़ानें भारत के लिए रवाना हुई हैं, जिसमें पोलैंड से पहली उड़ान भी शामिल हैं। यूक्रेन से 1377 और भारतीय नागरिकों को वापस लाया। ”