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काबुल: तालिबान के सत्ता हथियाने के बाद से अफगानिस्तान में अशांति, डर और चिंता का माहौल है। महिलाओं को शिक्षा समेत अन्य अधिकार छिनने का डर सता रहा है। इस बीच, कई रिपोर्ट्स में कहा गया है कि तालिबान ने आत्मघाती हमलावरों की एक विशेष बटालियन बनाई है, जिसे अफगानिस्तान की सीमाओं पर खासकर बदख्शां प्रांत में तैनात किया जाएगा।

खामा प्रेस ने बताया कि बदख्शां प्रांत के डिप्टी गवर्नर मुल्ला निसार अहमद अहमदी ने उत्तरपूर्वी प्रांत बदख्शां में आत्मघाती हमलावरों की बटालियन बनाने के बारे में मीडिया को जानकारी दी। इस प्रांत की सीमा तजाकिस्तान और चीन से लगती है।

अहमदी ने कहा कि इस बटालियन का नाम लश्कर-ए-मंसूरी ('मंसूर आर्मी') है और इसे देश की सीमाओं पर तैनात किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बटालियन ठीक उसी तरह है जो पिछली अफगान सरकार में सुरक्षाबलों को निशाना बनाकर आत्मघाती हमले करती थी।

खामा प्रेस के मुताबिक, अहमदी ने कहा, "अगर यह बटालियन नहीं होती तो अमेरिका की हार संभव नहीं होती। ये बहादुर लड़ाके विस्फोटक वैस्टकोट पहनेंगे और अफगानिस्तान में अमेरिकी बेस को उड़ा देंगे। ये ऐसे लोग हैं, जिन्हें सचमुच कोई डर नहीं है, इन्होंने अपने आप को अल्लाह के लिए समर्पित कर दिया है।"

तालिबान ने मंसूर आर्मी के साथ बादरी 313 बटालिन भी गठित की गई है। इसे सबसे सुसज्जित और आधुनिक सैन्य समूह के रूप में जाना जाता है, जिसे काबुल एयरपोर्ट पर तैनात किया गया है। खामा प्रेस के अनुसार, बादरी 313 में भी आत्मघाती हमलावरों को शामिल किया गया है।

 

 

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