वाशिंगटन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका दौरे पर हैं, उन्होंने गुरुवार को अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की। इस दौरान मोदी ने कहा कि जब भारत कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में था, तब भारत की मदद के लिए मैं अमेरिका का आभार व्यक्त करता हूं।
पीएम मोदी ने कमला हैरिस को भारत दौरे का न्यौता भी दिया। वहीं, कमला हैरिस ने दुनियाभर में लोकतंत्र को मजबूत बनाने की दिशा में आपसी सहयोग पर जोर दिया। दोनों नेताओं ने एक संयुक्त बयान भी जारी किया।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका स्वाभाविक साझेदार हैं, हमारे समान मूल्य, भू-राजनीतिक हित हैं, और हमारा समन्वय और सहयोग भी बढ़ रहा है, और उन्होंने अमेरिकी उपराष्ट्रपति को भारत आमंत्रित किया। वहीं उपराष्ट्रपति कमला ने कहा कि भारत अमेरिका का एक बहुत ही महत्वपूर्ण भागीदार है।
पीएम मोदी ने इस दौरान उपराष्ट्रपति के तौर पर कमला हैरिस के निर्वाचन को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा, 'आप बहुत से लोगों की प्रेरणा हैं।
भारत में भी लोग आपका स्वागत करना चाहते हैं और इसलिए मैं आपको भारत दौरे का न्यौता देता हूं।' उन्होंने भारत और अमेरिका को लोकतंत्र के रूप में स्वाभाविक साझीदार बताया।'
मोदी-हैरिस मुलाकात की मुख्य बातें:-
अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने कहा, "जहां तक हिंद-प्रशांत क्षेत्र की बात है, अमेरिका उसका गौरवान्वित सदस्य है। हम दृढ़ता के साथ महसूस करते हैं कि हमें हिंद-प्रशांत को खुला क्षेत्र रखना है। जैसे-जैसे दुनियाभर में लोकतंत्र खतरे में आ रहे हैं। यह जरूरी है कि हमारे सामने कितनी ही चुनौतियां आएं, हम यह साबित करें कि हम अपने यहां और दुनिया में लोकतांत्रिक मूल्यों और लोकतांत्रिक संस्थानों की रक्षा कर सकें।"
हैरिस ने आगे कहा, "भारत वैक्सीनेशन के लिए दूसरे देशों के लिए महत्वपूर्ण स्त्रोत रहा है। भारत जल्द ही वैक्सीन के निर्यात की फिर से शुरूआत करने वाला है, मैं इसका स्वागत करती हूं। भारत में रोज़ 1 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है, जो बहुत ही प्रभावशाली कदम है।"
कमला हैरिस ने अपने संबोधन के दौरान कोविड प्रबंधन को लेकर भारत के प्रयासों और वैक्सीनेशन अभियान की सराहना की। साथ ही वैक्सीन निर्यात फिर से शुरू किए जाने के भारत के फैसले का भी स्वागत किया। अमेरिका और भारत को महत्वपूर्ण साझीदार बताते हुए उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग पर जोर दिया।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति ने इस दौरान दुनियाभर में लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने में भी भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई और कहा कि आज पूरी दुनिया में लोकतंत्र के लिए खतरा पैदा होता जा रहा है। ऐसे में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत और दुनिया के सबसे पुराने लोकतंत्र के रूप में अमेरिका को साथ मिलकर और इस दिशा में मजबूती के साथ काम करने की जरूरत है। उनके इस बयान को चीन पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है।
दोनों नेताओं के बीच जलवायु परिवर्तन के मसले पर भी चर्चा हुई। कमला हैरिस ने यह कहते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की कि इस क्षेत्र में आपकी व्यक्तिगत रुचि भी है और इसलिए इस दिशा में नए सिरे से सहयोग की संभावनाएं तलाशी जानी चाहिए।
पीएम मोदी ने कहा, मेरे और मेरे डेलिगेशन का गर्मजोशी से स्वागत करने के लिए मैं आभारी हूं। कुछ दिन पहले मुझे टेलिफोन से आपसे बात करने का मौका मिला था। आपसे आत्मीय तरीके से संवाद करने का जो अवसर मिला था, उसके लिए मैं आभारी हूं। ये वो समय था, जब भारत कोरोना की दूसरी लहर से पीड़ित था। उस समय जिस आत्मीयता से आपने भारत की मदद के लिए हाथ बढ़ाया। उसके लिए मैं फिर से आपका आभार व्यक्त करता हूं।
अमेरिका ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच सच्चे मित्र की तरह मदद की। कोरोना जलवायु, क्वाड पर अमेरिका ने अहम पहल की। विश्व की सबसे बड़ी और सबसे पुराने लोकतंत्र के रूप में भारत और अमेरिका नेचुरल पार्टनर हैं। हमारा तालमेल और सहयोग भी निरंतर बढ़ता जा रहा है।
सप्लाई चेन की मजबूती, नवीन टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष के क्षेत्र में आपकी विशेष रुचि है। मेरे लिए भी यह क्षेत्र प्राथमिकता के हैं। इन क्षेत्रों में सहयोग जरूरी है। आप भारत और अमेरिका के बीच पीपुल टू पीपुल रिलेशन से परिचित हैं। 40 लाख से ज्यादा प्रवासी भारत और अमेरिका के बीच रिश्तों के सेतु हैं।
आपका अमेरिका का नेतृत्व करना ही आपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है। राष्ट्रपति बाइडन और आपके नेतृत्व में हमारे संबंध और ऊंचाई प्राप्त करेंगे। आपकी विजय यात्रा ऐतिहासिक है। भारत के लोग भी चाहेंगे कि आपको इस विजय यात्रा के लिए सम्मानित करें। इसलिए मैं आपको भारत आने का निमंत्रण देता हूं। फिर एक बार इस गर्मजोशी से स्वागत के लिए मैं आपका दिल से आभार व्यक्त करता हूं।
पीएम मोदी ने जोर देकर कहा कि अमेरिका में जो बाइडेन ने काफी चुनौतीपूर्ण समय में सत्ता संभाली। हालांकि, मुश्किल दौर में भी उनकी सरकार ने कोरोना का भी प्रभावी अंदाज में सामना किया, जलवायु परिवर्तन को लेकर भी अहम फैसले लिए और क्वाॅड को भी सक्रिय करने का काम किया। इससे पहले, पीएम मोदी रक्षा, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, हार्डवेयर, सौर ऊर्जा और निवेश के क्षेत्र में दुनिया की दिग्गज कंपनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से मिले। पीएम ने उन्हें भारत में निवेश का न्योता दिया। इन कंपनियों की कुल संपत्ति 41 लाख करोड़ रुपये है।