वॉशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि क्वाड पार्टनरशिप के तहत 2022 तक भारत में कम से कम 100 करोड़ कोविड वैक्सीन खुराक का उत्पादन किया जाएगा और यह काम ट्रैक पर है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि इस वक्त कोविड-19 को हराने के लिए एक साथ मिलकर काम करने से ज्यादा जरूरी कुछ नहीं है, इसलिए दुनिया भविष्य में इस महामारी से निपटने के लिए बहुत बेहतर तरीके से तैयार है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने डिजिटल माध्यम से आयोजित ग्लोबल समिट टू एंड कोविड-19 सम्मेलन में कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके अंतर्राष्ट्रीय साझेदार दुनिया भर के अन्य देशों में वैक्सीन उत्पादन को तेजी से बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं।
बाइडेन ने कहा, "उदाहरण के लिए, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के साथ हमारी क्वाड साझेदारी 2022 के अंत तक वैश्विक आपूर्ति को बढ़ावा देने के लिए भारत में कम से कम 100 करोड़ वैक्सीन खुराक का उत्पादन के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में हम ट्रैक पर हैं।"
उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में वैक्सीन उत्पादन के लिए हम वित्त पोषण प्रदान कर रहे हैं और विनिर्माण को मजबूत करने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगले साल तक दक्षिण अफ्रीका, और अफ्रीका के लिए जॉनसन एंड जॉनसन की 500 मिलियन से अधिक खुराकों का उत्पादन वहां होने की संभावना है। क्वाड में ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं।
बाइडेन ने दुनिया भर में कोविड-19 महामारी को नियंत्रण में लाने के लिए संपन्न देशों को और प्रयास करने का आह्वान किया। वहीं विश्व नेताओं, सहायता समूहों और वैश्विक स्वास्थ्य संगठनों ने दुनियाभर में कोविड रोधी टीकाकरण की धीमी रफ्तार पर चिंता व्यक्त की।
टीका सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब इस हफ्ते संयुक्त राष्ट्र महासभा का सत्र चल रहा है. बाइडेन ने यह सम्मेलन अन्य देशों को अमेरिका की राह पर चलने के लिए प्रेरित करने के लिए बुलाया है जिसने किसी भी देश से ज्यादा टीके की खुराकें दान दी हैं. मामले से अवगत संबंधित एक व्यक्ति ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि बाइडेन अन्य देशों के साथ साझा करने के लिए टीकों की नई खरीद की घोषणा कर सकते हैं और दूसरे देशों के लिए भी लक्ष्य तय कर सकते हैं।
बाइडेन प्रशासन ने लाखों अमेरिकियों को कोविड रोधी टीके की बूस्टर या वर्धक खुराक लगाने की पैरवी की है। इसकी बहुत आलोचना हुई है, क्योंकि गरीब देशों में लोगों को टीके की अबतक पहली खुराक भी नसीब नहीं हुई है। कोलंबिया के राष्ट्रपति इवान डुक्यू ने कहा, “हमने देखा है कि सबसे मुश्किल समय में बहुपक्षवाद न्यायसंगत व समन्वित तरीके से प्रतिक्रिया देने में नाकाम रहा है। टीकाकरण प्रक्रिया के संबंध में राष्ट्रों के बीच मौजूदा अंतर पर ध्यान नहीं दिया गया है।”
बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र में मंगलवार को किए गए अपने संबोधन में कोविड रोधी टीकों की 16 करोड़ से अधिक खुराकें अन्य देशों को देने का श्रेय लिया जिसमें 13 करोड़ अधिशेष खुराकें भी शामिल हैं। साथ में 50 करोड़ खुराकें भी हैं जो अमेरिका दुनिया के लिए खरीद रहा है। बाइडेन ने कहा, “टीका लेकर अमेरिका से रवाना हुए विमान 100 से ज्यादा देशों में पहुंच चुके हैं जिससे पूरी दुनिया में लोगों को आशा की एक छोटी खुराक मिल रही है।”
बाइडेन ने बुधवार को अतिरिक्त अमेरिकी प्रतिबद्धताओं की घोषणा करने की योजना बनाई और शेष विश्व से उच्च स्तर की महत्वाकांक्षा के लिए प्रतिबद्ध होने का आह्वान कर सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन लंबे समय से कहता आया है कि गरीब और अमीर देशों के बीच टीके का समान वितरण नहीं है। उसने कहा है कि अमीर देशों ने जितनी खुराकें दान देने का वादा किया था, उसका महज़ 15 फीसदी ही दिया गया है।
पिछले हफ्ते विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा था कि वह चाहता है कि देश टीके साझा करने की अपनी प्रतिबद्धताओं को तत्काल पूरा करें और गरीब देशों खासकर अफ्रीकी देशों के लिए टीके उपलब्ध कराएं। संगठन के महानिदेशक टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने सोमवार को ट्वीट किया था कि उनकी एजेंसी चाहती है कि संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक टीके का समान वितरण और कोविड-19 उपकरणों तक समान पहुंच सुनिश्चित करने, महामारी के लिए बेहतर तैयारी और संयुक्त राष्ट्र के लक्ष्यों को अधिक व्यापक रूप से प्राप्त करने के लिए नए सिरे से प्रयास करने में मदद करें।
डब्ल्यूएचओ की प्रवक्ता डॉ मार्ग्रेट हैरिस ने मंगलवार को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र की ब्रीफिंग में कहा था, “हम चाहते हैं कि उन देशों तक खुराकें पहुंचाने पर अधिक कार्रवाई हो जिन्हें वास्तव में उनकी जरूरत है।”