इस्लामाबाद: क्षेत्रीय सुरक्षा व आतंकवाद का बड़ा खतरा बना पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसकी कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई ने कश्मीर में मुंह की खाने के बाद गुजरात के जूनागढ़ का राग छेड़ा है। इसके लिए उसने जूनागढ़ के कथित पूर्व नवाब मोहम्मद जहांगीर खान को 'टूल' बनाया है। पूर्व नवाब ने पाक पीएम इमरान खान से मांग की है कि वे विश्व मंचों से कश्मीर की आजादी की मांग की तरह जूनागढ़ की आजादी की भी मांग करें।
रेडियो पाकिस्तान के मुताबिक खान ने इस बारे में बयान जारी किया है। खान ने कहा है कि भारत और पाकिस्तान को जूनागढ़ के मसले पर चर्चा करना चाहिए। पाकिस्तान सरकार को जूनागढ़ के मुद्दे को उतनी ही सक्रियता से उठाना चाहिए जितना वह कश्मीर के मसले को उठाती आ रही है। स्वयंभू नवाब ने कहा कि 'जूनागढ़ पाकिस्तान है'। यह सपना है जिसे हमारे पूर्वज मोहम्मद अली जिन्ना और जूनागढ़ के नवाब रहे नवाब महाबत खान ने देखा था। अब समय आ गया है कि पाकिस्तान भारत के जूनागढ़ पर कथित कब्जे के बारे में आवाज उठाए। यह कब्जा अंतरराष्ट्रीय कानून के खिलाफ है।
इससे पहले पाकिस्तान ने देश का नया राजनीतिक नक्शा जारी किया। ताकि भारत के साथ जिन क्षेत्रों को लेकर उसका विवाद है, वह उन पर अपना दावा ठोक सके। इस नक्शे में पाकिस्तान ने कश्मीर, सियाचिन पर खुलकर दावा किया लेकिन हैरान करने वाली बात यह रही कि इमरान सरकार ने कश्मीर ही नहीं गुजरात के कई हिस्सों को भी अपना बताया है। जूनागढ़, जिसका 1948 में जनमत संग्रह के बाद भारत में विलय कर लिया गया था, उसे भी पाकिस्तान ने अपना दिखाया है।
चपरासी से भी गए बीते हैं हाल
बता दें, आजादी के बाद जब तत्कालीन गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश की 500 से ज्यादा रियासतों का विलय कराया तब जूनागढ़ के नवाब पाकिस्तान में विलय चाहते थे, लेकिन जूनागढ़ रियासत में हिंदू आबादी ज्यादा थी। वह भारत में विलय चाहती थी। इसके बाद जूनागढ़ का नवाब परिवार जिन्ना से समझौता करके पाकिस्तान भाग गया था। जूनागढ़ के इस नवाब का नाम था नवाब मोहम्मद महाबत खान या तृतीय रसूल खान। उनके वंशज मोहम्मद जहांगीर खान व अन्य को पाकिस्तान में चपरासी से भी कम वेतन मिलता है। वहां उनका बुरा हाल है। लेकिन वे सपने जूनागढ़ की आजादी के देख रहे हैं।