काबुल: अफगानिस्तान और भारत के बीच पहला हवाई गलियारा (एयर कॉरिडोर) सोमवार को परिचालन में आ गया। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ घनी ने काबुल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कार्गो विमान को दिल्ली के लिए रवाना कर इस गलियारे का उद्घाटन किया। दोनों देशों के बीच सीधा हवाई कॉरिडोर स्थापित होने के बाद काबुल से चला एक मालवाहक विमान सोमवार को नई दिल्ली में आकर उतरा। हवाई कॉरिडोर दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को बढ़ावा देने के साथ चारों ओर से जमीन से घिरे अफगानिस्तान को भारत के बाजारों तक सीधी पहुंच देगा। पाक पर निर्भरता अब ख़त्म हो गई है। यह रूट पाकिस्तान को बाईपास करता है। दिल्ली हवाई अड्डे पर स्वयं विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान के विमान का स्वागत किया। राष्ट्रपति घनी ने कहा, इस रूट से अफगानी निर्यात के लिए और मौके बढ़ेंगे। राष्ट्रपति घनी के सलाहकार सदीकुल्लाह मुजाहिद ने बताया , सोमवार को भारत रवाना हुए विमान से 60 टन औषधीय पौधे भेजे गए। अफगानिस्तान चारों तरफ से पहाड़ों से घिरा हुआ है। इसलिए उसे अपने आयात और निर्यात के लिए पड़ोसी देशों पर निर्भर रहना पड़ता है। चूंकि उसके संबंध पाकिस्तान के साथ ठीक नहीं है। ऐसे में पाकिस्तान अफगानिस्तान के भारत के साथ कारोबार में बाधा खड़ी करता है।
ऐसे में इस हवाई गलियारे से पाकिस्तान की इस मनमानी पर रोक लगेगी और दोनों देशों के कारोबार में बढ़ोतरी होगी।