लंदन: भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण के मामले की सुनवाई के लिए मंगलवार को लंदन की कोर्ट में पेश हुए। जहां अदालत ने माल्या की जमानत चार दिसंबर तक बढ़ा दी है। इस मामले की अगली सुनवाई छह जुलाई को होगी। माल्या ने भारत-साउथ अफ्रीका मैच के दौरान चोर-चोर कहकर हूटिंग करने के मामले पर कहा कि किसी ने मुझे चोर नहीं कहा था। माल्या ने कोर्ट में पेशी से पहले अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया। उन्होंने कहा कि कोर्ट में अपने मामले को साबित करने के लिए उनके पास पर्याप्त साक्ष्य हैंं। सुनवाई के बाद विजय माल्या ने कहा कि 'मैंने कोई लोन डायवर्ट नहीं किया। मैं मीडिया के लिए जवाबदेह नहीं हूं, इसलिए मीडिया को कोई जवाब नहीं दूंगा'। माल्या ने कहा कि मैं किसी कोर्ट से भाग नहीं हूं। उन्होंने कहा कि मुझ पर गलत आरोप लगे है। जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके खिलाफ कोई राजनीतिक साजिश हुई है तो इस सवाल के जवाब में वह खामोश रहे। अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद से 61 वर्षीय माल्या जमानत पर बाहर हैं। उनके प्रत्यर्पण संबंधी सुनवाई के लिए न्यायाधीश द्वारा तय की गई समयसारिणी भी उन्हें दी गई। इसे मामला प्रबंधन सुनवाई कहा जाता है। ब्रिटेन के एक्सट्राडिशन लॉयर्स एसोसिएशन के सदस्य तथा पीटर्स ऐंड पीटर्स सॉलिसिटर्स एलएलपी में साझेदार जसविंदर नखवाल ने कहा, अंतिम सुनवाई से पहले मामला प्रबंधन या किसी और मुद्दे से निबटने के लिए आगामी महीनों में इस मामले में कुछ और सुनवाई हो सकती हैं।
इसमें डिस्ट्रिक्ट जज इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनेंगे। भारतीय अधिकारियों की ओर से पेश होने वाले ब्रिटेन क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने सीबीआई तथा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के पिछले महीने लंदन में मुलाकात कर मामले की जानकारी ली थी। गौरतलब है कि देश के बैंकों का माल्या पर 9,000 करोड़ रुपये लोन है और वह लंदन भाग चुके है। भारत सरकार की शिकायत पर अप्रैल में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और अब वह जमानत पर रिहा हैं। इसी मामले की सुनवाई मंगलवार को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट के कोर्ट में शुरू हो गई है। इस मामले में भारत का पक्ष ब्रिटेन की क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) रखेगी। इससे पहले 13 मई को तय हुई सुनवाई एक महीने के टाल दी गई थी।