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इस्लामाबाद: पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ ने कहा है कि पाकिस्तान के पास अमेरिका में भारत की लामबंदी का मुकाबला करने तथा डोनाल्ड ट्रंप के नये प्रशासन के साथ तत्काल संपर्क कायम करने का स्वर्णिम अवसर है। मुशर्रफ ने कहा, ‘पाकिस्तान के लिए यह स्वर्णिम मौका है, प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को तत्काल कदम उठाने एवं नये अमेरिकी प्रशासन के साथ तत्काल संपर्क कायम करने की जरूरत है।’ उन्होंने कहा कि ट्रंप इस क्षेत्र की राजनीतिक पेचीदगियों से अच्छी तरह परिचित नहीं हैं और उन्हें दक्षिण एशिया के संदर्भ में रणनीति बनाना बाकी है। उन्होंने दुनिया न्यूज से कहा कि भारत इस क्षेत्र में अपना दबदबा बनाए रखना चाहता। वह न केवल इस क्षेत्र में बल्कि विश्व में अपने आप को भावी आर्थिक शक्ति के रूप में देखता है। वह न केवल आर्थिक रप से बल्कि कूटनीतिक रप से भी पाकिस्तान को अलग-थलग कर देना चाहता है। पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि अमेरिकी सीनेट में भारतीय कॉकस अधिक सतर्क एवं सक्रिय है, ऐसे मे पाकिस्तान को अमेरिकी गलियारों में पैदा की गयी भारतीय धारणा का मुकाबला करने के लिए प्रभावी रणनीति बनाने की जरूरत है।

पाकिस्तान में सरकार एवं सेना के बीच विभाजन के संबंध में उन्होंने कहा कि भारत ने खासकर पीएमएल-एन के शासन के समय पाकिस्तानी राजनीतिक परिदृश्य की इस खामी का शोषण किया है। पीएमएल-एन के शासनकालों में सेना प्रमुखों एवं वर्तमान सरकारों में हमेशा विभाजन रहा। जब मुशर्रफ से पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ के भविष्य के बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह विस्तार के हकदार हैं। गौरतलब है कि राहील शरीफ 20 नवंबर को सेवानिवृत होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने राहील का पहले भी समर्थन किया है क्योंकि वह लोकप्रिय सेना प्रमुख है।

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