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सोल: दक्षिण कोरिया और जापान ने बुधवार को उस अमेरिकी चेतावनी को दोहराया कि अगर उत्तर कोरिया रॉकेट प्रक्षेपण की अपनी योजना पर आगे बढ़ता है तो उसे भारी कीमत चुकानी होगी। कुछ सप्ताह पहले ही चौथा परमाणु परीक्षण कर चुके प्योंगयांग से उसकी रॉकेट प्रक्षेपण की योजना त्यागने का आग्रह करते हुए दोनों देशों ने सोल में कहा कि उसका कदम संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का गंभीर उल्लंघन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को ‘सीधी चुनौती’ होगी। जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो आबे ने उत्तर कोरिया की योजना को ‘गंभीर उकसावा’ करार देते हुए कहा कि यह प्योंगयांग की अंतरराष्ट्रीय बाध्यताओं के स्पष्ट उल्लंघन का परिचायक है।

उत्तर कोरिया ने 8 से 25 फरवरी के बीच रॉकेट का प्रक्षेपण करने का एलान किया था। रॉकेट प्रक्षेपण का उद्देश्य जाहिर तौर पर पृथ्वी का निरीक्षण करने वाला एक उपग्रह कक्षा में स्थापित करना है। संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों में उत्तर कोरिया पर बैलिस्टिक प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर रोक है। प्योंगयांग पर और कड़े प्रतिबंध लगाने के लिए कूटनीतिक अभियान चला रहे अमेरिका ने उसकी योजना की पहले ही निंदा की है। इससे पहले, उत्तर कोरिया ने मंगलवार को पुष्टि की कि वह जल्द उपग्रह राकेट प्रक्षेपण की योजना बना रहा है। पिछले महीने परमाणु परीक्षण करने वाले उत्तर कोरिया का नया कदम भी संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों का फिर से उल्लंघन होगा। अंतरराष्ट्रीय सागरीय संगठन ने कहा कि उसे आठ से 25 फरवरी के बीच पृथ्वी आबजर्वेशन उपग्रह के प्रक्षेपण की मंशा को लेकर उत्तर कोरिया से पोत संबंधी चेतावनी मिली है। तारीखें संकेत देती हैं कि प्रक्षेपण वर्तमान नेता किम जांग उन के पिता दिवंगत नेता किम जांग द्वितीय के 16 फरवरी को जन्मदिन के मौके पर किया जा सकता है। इस बीच, वाशिंगटन से मिली खबर के अनुसार, अमेरिका ने उत्तर कोरिया को धमकी दी कि अगर वह उपग्रह प्रक्षेपण की योजना को आगे बढाता है तो उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के ‘कड़े’ प्रतिबंध झेलने पड़ेंगे।

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