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संविधान ने देश में बदलाव लाने में उल्लेखनीय मदद की: सीजेआई खन्ना

काठमांडो: नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड ने आज कहा कि नये संविधान में संशोधन नेपाली सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है और मुद्दे के समाधान के लिये एक संघीय आयोग का जल्द गठन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारी मधेसियों की मांगों को समाहित करने के लिए लचीला रूख बनाने की जरूरत है। सत्तारूढ गठबंधन नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-माओवादी सेंटर तथा मुख्य विपक्षी दल सीपीएन-यूएमएल के बीच बैठक के समापन के बाद प्रचंड ने संवाददाताओं से कहा, ‘संविधान संशोधन को लेकर मेरा निजी तौर पर मानना है कि आंदोलनकारी युनाइटेड डेमोक्रेटिक मधेसी फ्रंट की मांगों को समाहित करने से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर अधिक लचीलापन दिखाने की जरूरत है।’ प्रचंड ने कहा कि गठबंधन सरकार ने संविधान संशोधन तथा चुनाव को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। नेपाली प्रधानमंत्री ने मधेसी पार्टियों और उनके गठबंधनों को भी इस मामले में साथ लेने की जरूरत पर दिया। मधेसी पार्टिया देश में स्थानीय निकाय के चुनाव कराने से पहले संविधान संशोधन की मांग कर रही हैं। कई वजहों से नेपाल में स्थानीय निकायों के चुनाव बीते 16 वर्षों से नहीं हो पाए हैं। प्रचंड ने कहा, ‘हमें कुछ प्रांतों की सीमाओं को फिर से रेखांकन करना होगा और राष्ट्रीय भाषा के मुद्दे को भी हल करने की जरूरत है।’

उन्होंने कहा कि प्रांतों की संख्या और सीमांकन को लेकर नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमल के बीच बनी सहमति के आधार पर ही फिलहाल प्रांतों का फिर से सीमांकन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रांतीय सीमाओं के मुद्दे पर सुझाव और उसके हल के लिये जल्द एक संघीय आयोग गठित किया जायेगा।

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