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नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने आदेश जारी किया कि अगले साल जून तक बांग्लादेश से सटी असम की सीमा पूरी तरह सील कर दी जाए। यह आदेश जारी कर मोदी सरकार ने असम में बीजेपी के सत्ता में आने के महज एक हफ्ते के भीतर पार्टी का एक बड़ा चुनावी वादा पूरा करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। बीजेपी ने वादा किया था कि सत्ता में आने पर पड़ोसी देश से अवैध घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए बांग्लादेश से लगी असम की सीमा सील की जाएगी। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने एक उच्च-स्तरीय बैठक में यह आदेश जारी किया। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, 'बैठक के दौरान गृहमंत्री ने निर्देश दिया कि असम में भारत-बांग्लादेश सीमा को पूरी तरह सील किया जाए।' हाल ही में संपन्न हुए असम विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने पड़ोसी देश से अवैध घुसपैठ पर लगाम लगाने के लिए बांग्लादेश से लगी असम की सीमा सील करने का वादा किया था। असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा है कि दो साल में बांग्लादेश से लगी सीमाओं को सील करना उनकी दो शीर्ष प्राथमिकताओं में से एक है। गृहमंत्री ने यह निर्देश भी दिया कि सीमा से सटे संवेदनशील इलाकों की सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी का पूरा इस्तेमाल किया जाए।

इसमें हाई रेजोल्यूशन कैमरे, रडार, यूजी सेंसर, ऑप्टिकल फाइबर, इंफ्रा रेड सेंसर, एरास्टैट्स वगैरह शामिल होंगे और इन्हें कमान और नियंत्रण व्यवस्था से जोड़ना होगा। भारत बांग्लादेश सीमा की कुल लंबाई 4,096 किलोमीटर है, जिसमें से 284 किलोमीटर असम में है। बैठक में बताया गया कि असम में बीएसएफ की बटालियनें पर्याप्त संख्या में तैनात किए जाने के अलावा असम में भारत-बांग्लादेश सीमा सील करने के लिए 224 किलोमीटर में बाड़ लगा दी गई है। बहरहाल, असम में 122 जगहें (60.7 किलोमीटर) ऐसी हैं जहां कोई ढांचागत अवरोध (फिजिकल बैरियर) नहीं खड़ा किया गया है। अधिकारी ने बताया कि असम में भारत-बांग्लादेश सीमा सील करने का मकसद पूरा करने के लिए फैसला किया गया कि 11.9 किलोमीटर क्षेत्र में 100 जगहों पर ढांचागत अवरोध, जैसे कि बाड़ लगायी जाएगी और छोटी नदियों के 48.8 किलोमीटर क्षेत्र में 22 जगहों पर गैर-ढांचागत अवरोध, जिसमें प्रौद्योगिकीय अवरोध शामिल है, जून 2017 तक तैयार किए जाएंगे।

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