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लखनऊ: पूर्व केंद्रीय मंत्री और बेनी प्रसाद वर्मा फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए है। कांग्रेस नेता वर्मा, मनमोहन सिंह की सरकार में इस्पात मंत्री थे। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले 'बेनी बाबू' को सपा में शामिल कर मुलायम सिंह यादव ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। उन्हें पार्टी में शामिल कर सपा ने कुर्मी समाज के वोटों पर सेंध लगाने की कोशिश की है। चर्चा है कि वर्मा को राज्यसभा भेजा जा सकता है। समाजवादी नेता के रूप में पहचान रखने वाले बेनी शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव के साथ समाजवार्दी पार्टी कार्यालय पहुंचे और पार्टी की औपचारिक सदस्यता ग्रहण की। इस मौके पर राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और दो वरिष्ठ मंत्री शिवपाल यादव और आजम खान भी मौजूद थे। पार्टी की सदस्यता लेने के पहले वर्मा ने कहा, 'पिछले दो साल से घुटन महसूस कर रहा था। मेरे लिये सोनियाजी और राहुलजी ने जो कुछ किया, उसके लिए धन्यवाद देता हूं। चुनाव आने वाले हैं और मैं अखिलेश का विरोध नहीं कर सकता, इसलिए नेताजी अगर इजाजत दें, तो वापस सपा में आना चाहता हूं। इस पार्टी को बनाने वालों में मैं भी हूं।' बेनी प्रसाद वर्मा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के पूर्व सहयोगी थे, लेकिन बाद में वे उनके आलोचक हो गए थे।

वाराणसी: जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी का बिगुल फूंकते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर करारे प्रहार किये। उन्होंने सूबे की जनता का आहवान किया कि वह अहंकार से भर चुकी भाजपा को आगामी चुनाव में बिहार की ही तरह सबक सिखाए। नीतीश ने मछलीशहर लोकसभा क्षेत्र के पिण्डारा में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि जनता से बड़े-बड़े वादे करके मुकरने वाली भाजपा अहंकार से भर गई है लेकिन राजनीति में अहंकार सबको खत्म कर देता है। लोकसभा चुनाव में जनता को बरगला कर बिहार की 40 में से 31 सीटें हासिल करने वाली भाजपा को विधानसभा चुनाव में जनता ने जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन के हाथों धूल चटा दी। अब उत्तर प्रदेश की बारी है। प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिये पार्टी का बिगुल फूंकते हुए उन्होंने कहा 'बिहार के लोगों ने महागठबंधन को विशाल बहुमत देकर जता दिया कि अब जनता का भाजपा पर से भरोसा उठ गया। बिहार के लोगों ने तो बता दिया। अब उप्र के लोगों को बताना होगा कि उनकी (भाजपा की) कथनी और करनी में कितना अंतर है।' नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के लोगों से मुखातिब होते हुए कहा 'बनारस के लोग क्या उम्मीद कर रहे थे। पूरे यूपी के लोगों को, जिन्होंने 73 सीटों पर उनको (भाजपा एवं सहयोगी) समर्थन दिया, उन्हें अब पता लग रहा होगा.. पूरे देश के लोगों को पता लगता होगा।'

नई दिल्ली: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की वाराणसी में रैली से पहले वहां एक पोस्टर जारी किया गया जो चर्चा का विषय बन गया है। पोस्टर में नीतीश कुमार को अर्जुन के रूप में और शरद यादव को कृष्ण के रूप में चित्रित किया गया है। इस पोस्टर में महाभारत युद्ध का चित्रण किया गया है, जिसमें शरद यादव कृष्ण के रूप में नीतीश कुमार के रथ के सारथी बने हुए हैं। पोस्टर में केंद्र की मोदी सरकार को निशाना बनाया गया है और सांप्रदायिकता फैलाकर देश में अराजकता का माहौल बनाने वाली केंद्र सरकार और उत्तरप्रदेश में भ्रष्टाचार और गुंडागर्दी के विरुद्ध 'जंग का एलान' किए जाने की बात कही गई है। दरअसल वाराणसी में गुरुवार से जेडीयू का राज्य स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन शुरू होने जा रहा है जिसमें प्रदेशभर से करीब 25 हजार कार्यकर्ताओं के जुटने की उम्मीद है। वाराणसी से नीतीश कुमार, 2017 में होने वाले उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव का बिगुल फूकेंगें।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों की वार्षिक स्थानान्तरण नीति 2016-17 को आज (बुधवार) मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में यह फैसला किया गया। स्थनान्तरण सत्र 2016-17 के लिए मंजूर नीति के अनुसार जिले में छह साल और मंडल में दस साल पूरा करने वाले समूह-क और समूह-ख के अधिकारियों के स्थानांतरण के प्रावधान किये गये हैं। बैठक के बाद सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि समूह-ख के अधिकारियों के स्थानांतरण विभागाध्यक्षों द्वारा किये जाएंगे। स्थानान्तरण नीति के प्रावधानों के तहत आने वाले प्रकरणों में दस प्रतिशत की सीमा तक स्थानांतरण किये जा सकेंगे। प्रवक्ता ने बताया कि दिव्यांगों को स्थानान्तरण नीति से मुक्त रखा गया है। स्थानान्तरण हेतु अवधि के निर्धारण के लिये ‘कट ऑफ डेट’ 31 मार्च 2016 रखी गयी है। 2016-17 में समस्त स्थानान्तरण 30 जून 2016 तक पूरा करने के प्रावधान किये गये हैं। विभागीय आवश्यकता को देखते हुये स्थानान्तरण नीति में विभागीय मंत्री के जरिए मुख्यमंत्री की मंजूरी हासिल कर इसे बदला जा सकता है।

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