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लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान परिषद की 13 सीटों के लिए शुक्रवार सुबह नौ बजे यहां विधान भवन स्थित तिलक हाल में मतदान शुरू हुआ। सपा विधायक गुड्डू पंडित के पार्टी से इतर भाजपा प्रत्याशी को वोट देने की बात समाने आ रही है। गुड्डू पंडित ने भाजपा में जाने के सवाल पर कहा कि कोई सर पर आघात करेगा तो पैर तो उठेगा ही। वहीं शिवपाल सिंह यादव ने गुड्डू पंडित के बागी होने के सवाल पर कहा कि सपा किसी से दगा नहीं करती है। सपा सभी सीटें जीत रही है। इसके साथ ही उन्‍होंने कहा कि मथुरा कांड पर कोई अनदेखी नहीं हुई। 11 बजे तक कुल 300 वोट पड़ने की खबर है। वोट डालने वालों में मुजफ्फरनगर दंगों से चर्चित हुए भाजपा विधायक संगीत सोम, प्रदेश सरकार के मंत्री मनोज पाण्डेय, अभिषेक मिश्र, गायत्री प्रसाद प्रजापति के अलावा सपा विधायक शारदा प्रताप शुक्ल, पीस पार्टी के अध्यक्ष डा.अय्यूब शामिल हैं। तृणमूल कांग्रेस के एकमात्र विधायक श्याम सुन्दर शर्मा ने बहुजन समाज पार्टी के पक्ष में मतदान किया। वह टीएमसी छोड़ कर बसपा में शामिल हो चुके हैं मगर विधान सभा में वह टीएमसी के विधायक के रूप में ही दर्ज हैं।

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा पार्टी के वरिष्ठ नेता और गृहमंत्री राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार बना सकती है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उत्‍तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में भाजपा केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह को अपना चेहरा बना सकती है।वहीं राजनाथ सिंह से जब इस बाबत सवाल पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि यूपी में नेताओं की कोई कमी नहीं है। राजनाथ सिंह ने दावा किया कि केंद्र सरकार के कामकाज को देखते हुए यूपी में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिलेगा।कहा ये जा रहा है कि राजनाथ सिंह को चेहरा बनाकर बीजेपी मुलायम सिंह और मायावती से टक्‍कर लेने की सोच रही है। राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश में भाजपा की तरफ से मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा आगे करके चुनाव लड़ने को लेकर चल रही कयासबाजी के सवाल पर संवाददाताओं से कहा, ‘यूपी में काबिल चेहरों की कोई कमी नहीं है।’ इस जिक्र पर कि पार्टी की तरफ से उनको ही मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश किये जाने की चर्चा है, सिंह ने कहा, ‘यह काल्पनिक प्रश्न है, इसका कोई मतलब नहीं है।’ इलाहाबाद में होने वाली पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से पहले राजनीतिक हलकों में यह चर्चा जोरों पर है कि राजनाथ सिंह को प्रदेश में चुनाव प्रचार की कमान सौंपी जा सकती है, भले ही उन्हें घोषित तौर पर मुख्यमंत्री के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं किया जाये।

लखनऊ: केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था करार देते हुए आज (शुक्रवार) कहा कि गत वित्तीय वर्ष में चीन और अमेरिका से ज्यादा हिन्दुस्तान में निवेश हुआ है और वह दिन दूर नहीं जब यह मुल्क एक आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा। गृह मंत्री ने यहां चारबाग रेलवे स्टेशन परिसर में वाई-फाई सुविधा तथा एकीकृत सुरक्षा प्रणाली के उद्घाटन अवसर पर कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से पहले हमारे देश की अर्थव्यवस्था को लेकर नकारात्मक धारणा बनी थी। पूर्व में कच्छप गति से चलने वाली अर्थव्यवस्था वाजपेयी के शासन में 8.4 प्रतिशत विकास दर के रूप में सामने आयी। उन्होंने कहा कि बीच के 10 साल (कांग्रेसनीत संप्रग के शासनकाल) में सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आयी लेकिन पिछले दो साल में विकास दर छह प्रतिशत के नीचे से बढ़कर 7.6 फीसद हो गयी है। ‘कहना गलत ना होगा कि अगर अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है तो सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था भारत की ही है।’ सिंह ने कहा ‘वित्तीय वर्ष 2015-16 में भारत में चीन और अमेरिका से ज्यादा 51 अरब डालर का निवेश भारत में हुआ है। वह दिन दूर नहीं जब भारत एक आर्थिक महाशक्ति बन जाएगा।’

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 11 सीटों पर 11 जून को होने वाले मतदान से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले। माया का कहना है कि परिणामों से पता चल जाएगा कि उनकी पार्टी ने किसे समर्थन किया है। मायावती ने संवाददाताओं से कहा, ‘शुक्रवार को विधान परिषद और शनिवार को राज्यसभा का चुनाव है। हम किसे समर्थन कर रहे हैं और किसे नहीं, ये परिणाम निकलने के बाद सामने आ जाएगा।’ प्रदेश की विधानसभा में 403 सीटें हैं, जिनमें से 80 विधायक बसपा के हैं। बसपा ने राज्यसभा के लिए दो उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। जीत के लिए हर प्रत्याशी को 34 मतों की जरूरत होगी। इस प्रकार बसपा के पास 12 अतिरिक्त वोट बचेंगे। राजनीतिक प्रेक्षकों की निगाहें इन्हीं अतिरिक्त वोटों पर हैं। विधान परिषद में स्थिति उलट है। बसपा ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं और हर प्रत्याशी को जीत के लिए 29 मतों की जरूरत के आंकड़े को देखें तो यहां बसपा के तीसरे उम्मीदवार को सात वोट कम पड़ रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में मतदान की तिथि करीब आने के साथ ही प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी कमर कस ली है। विधायकों की मैराथन बैठकों का सिलसिला जारी है। रालोद द्वारा कपिल सिब्बल के पक्ष में मतदान करने का वायदा किये जाने के बाद हालांकि कांग्रेस सहज दिख रही है। कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप माथुर ने बताया है कि सिब्बल की जीत सुनिश्चित है क्योंकि अजित सिंह के नेतृत्व वाले रालोद ने सांप्रदायिक ताकतों को हराने के लिए कांग्रेस और सपा के समर्थन का फैसला किया है।

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