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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों का बिगुल फूंकते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने आज ऐलान किया कि अगली सरकार अगर बसपा की बनी तो सपा सरकार के संरक्षण में पल रहे गुंडों, माफियाओं और सांप्रदायिक तत्वों को जेल की सलाखों के पीछे भेजा जाएगा। मथुरा हिंसा की सीबीआई जांच कराने की मांग दोहराते हुए मायावती ने सपा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में सपा और भाजपा की बयानबाजी से लगता है कि यह प्रदेश की सपा सरकार और केन्द्र की भाजपा सरकार की लापरवाही का परिणाम है। मायावती ने बसपा सरकार बनने की सूरत में अवैध कब्जों को खत्म करने की घोषणा भी की। सपा सरकार के कार्यकाल में विकास कार्य इटावा के सैफई तक ही सीमित रहने के विरोधी पार्टियों के आरोपों के बीच मायावती ने यह भी कह डाला कि 2017 के विधानसभा चुनाव में अगर बसपा जीती तो उनकी सरकार किसी क्षेत्र विशेष या जाति विशेष का विकास नहीं करेगी बल्कि विकास के फायदे प्रदेश के हर क्षेत्र में पहुंचाएगी। मायावती ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में बसपा की सरकार बनने पर हमारी सरकार का खास एजेंडा यहां प्रदेश में सपा सरकार के संरक्षण में पल रहे गुंडो, बदमाशों, माफियाओं, अराजक तत्वों, अपराधियों एवं सांप्रदायिक तत्वों को जेल की सलाखों के पीछे भेजना होगा, जहां उनकी असली जगह है।’

मथुरा: यूपी में मथुरा के जवाहरबाग की तलाशी में पुलिस के बम निरोधी दस्ते को राकेट लॉन्चर बरामद हुआ है। इससे सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि यूएसए निर्मित लॉन्चर कब्जाधारियों के पास कब और कहां से आया। बम निरोधी दस्ते को जो सात बोरा विस्फोटक मिला है, उसमें एक किलो सफेद रंग का, पांच किलो पीले रंग का, इतना ही काले रंग का दानेदार विस्फोटक तथा एक टूटी हुई इलेक्ट्रॉनिक प्लेट और एक किलो लोहे के छर्रे शामिल हैं। गौर हो कि जवाहरबाग में अतिक्रमण हटाने के दौरान हुए खूनी संघर्ष में दो पुलिस अधिकारियों सहित 30 लोगों की मौत हो गयी थी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मथुरा जिले के जवाहरबाग प्रकरण की न्यायिक जांच के आदेश दिये हैं। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में राज्य सरकार ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश मिर्जा इम्तियाज मुर्तजा की अध्यक्षता में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मथुरा में पिछले दिनों हुए जवाहरबाग काण्ड मामले में जिले के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का तबादला कर दिया है तथा केन्द्र सरकार को घटना के बारे में रिपोर्ट भेज दी है। पिछले गुरुवार को मथुरा के जवाहरबाग में अवैध कब्जा हटाने गये पुलिस तथा प्रशासनिक दल पर कब्जेदारों के हमले में दो पुलिस अफसरों समेत करीब 30 लोगों की मौत के मामले में अखिलेश सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों ने मोर्चा खोल रखा है।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में मथुरा के जवाहर बाग में हुई हिंसा की सीबीआई से जांच कराने संबंधी जनहित याचिका की सुनवाई से आज इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष और न्यायमूर्ति अमिताभ रॉय की अवकाशकालीन पीठ ने संक्षिप्त बहस के बाद अश्विनी उपाध्याय की याचिका की सुनवाई से इन्कार कर दिया। याचिकाकर्ता ने मामले की सीबीआई जांच कराने के निर्देश देने का न्यायालय से अनुरोध किया था। शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज करने के लिए तीन कारण दिये। न्यायमूर्ति रॉय ने कहा कि प्रत्येक मामले में सीबीआई जांच के आदेश नहीं दिये जा सकते। इस मामले में सीबीआई जांच का आदेश तभी दिया जा सकता है जब यह साबित हो जाए कि राज्य सरकार जांच कराने में अक्षम है या रुचि नहीं ले रही है अथवा राज्य की जांच एजेंसी निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है। न्यायालय ने कहा कि याचिकाकर्ता को पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए क्योंकि उसी के आदेश पर उत्तर प्रदेश पुलिस अतिक्रमण हटाने गई थी। भारतीय जनता पार्टी के दिल्ली प्रदेश प्रवक्ता उपाध्याय की ओर से कल वरिष्ठ अधिवक्ता कामिनी जायसवाल ने मामले का विशेष उल्लेख किया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने सुनवाई के लिए आज की तारीख तय की थी। जायसवाल ने कहा था कि घटना की शुरुआत से ही सबूत नष्ट किए जा रहे हैं और करीब 200 वाहन पहले ही जलाए जा चुके हैं।

लखनऊ: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी कहे जाने वाले भाजपा के पूर्व महामंत्री संजय जोशी को राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने भाजपा के लिए मुस्लिमों को रिझाने की जिम्मेदारी सौंपी है। जोशी मुसलमानों से भाजपा के लिए समर्थन मांगने के लिए 7 जून को लखनऊ पहुंच रहे हैं। इस दौरान जोशी मुसलमानों तक केंद्र की मोदी सरकार के विकासपरक कार्यों को पहुंचाने का काम करेंगे। यही नहीं प्रधानमंत्री मोदी की सबका साथ-सबका विकास की नीति समझाने का काम उनकी टीम द्वारा किया जाएगा। संघ से जुड़े एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि मोदी और जोशी का विवाद बहुत पुराना है। इसलिए संघ विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से दोनों के बीच की दूरियां खत्म करना चाह रहा है। उनका कहना है कि यदि इनकी दूरियां खत्म होती हैं तो इनकी योग्यता का पूरा लाभ संगठन और पार्टी को मिलेगा। बता दें कि जोशी इससे पहले भी मोदी के स्वच्छ भारत अभियान के तहत झाड़ू लगा चुके हैं। जोशी लखनऊ में सात जून को संघ के आनुषांगिक संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच और राष्ट्रीय एकता मिशन के बैनर तले इस्तखबाले माहे रमजानुल मुबारक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की हैसियत से शामिल होंगे। कार्यक्रम हुसैनाबाद रोड स्थित सेहरा पैलेस में आयोजित किया गया है।

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