ताज़ा खबरें
दिल्ली यानि मिनी इंडिया का चुनाव बना 'पीएम मोदी बनाम केजरीवाल'
महाकुंभ की अव्यवस्था को नेता सदन अपने में भाषण नकार दें: अखिलेश
दिल्ली चुनाव: सरकार ने 5 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश किया घोषित
गंगा में नहीं चलीं नावें, पुलिस पर उत्पीड़न का आरोप, बंद रहेगा संचालन
आतंकियों ने पूर्व सैनिक के परिवार को बनाया निशाना, फौजी की मौत
आप को मिल रही 55 सीटें-महिलाएं जोर लगाए तो 60 ज्यादा: केजरीवाल
मेक इन इंडिया अच्छा आइडिया,पर सफल बनाने में फेल रहे पीएम: राहुल

लखनऊ: निर्वाचन आयोग आजकल राज्य विधानसभा के चुनावों की तैयारियों में जोर शोर से जुटा हुआ है। चुनाव तिथियों का एलान अगले महीने किये जाने का अनुमान है। निर्वाचन आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमें 15 दिसम्बर के बाद किसी भी समय चुनाव तिथियों की घोषणा के लिए तैयार रहने को कहा गया है। इसके मद्देनजर राज्य निर्वाचन कार्यालय को देश के सबसे बडे राज्य में चुनाव की तैयारियों के लिए बहुत थोडा समय मिलेगा। उन्होंने बताया कि हमारे पास अवकाश के लिए कोई समय नहीं है। फिलहाल हमारा सारा ध्यान निर्वाचन सूचियों के पुनरीक्षण कार्य पर है। उन्होंने कहा कि हम निर्वाचक मतदाता सूची दो जनवरी को जारी करने की तैयारी में हैं। इसके आधार पर ही राज्य विधानसभा के चुनाव होंगे। चुनाव तिथियों के एलान के लिए आयोग को मतदाता सूची के प्रकाशन का इंतजार करने की कोई जरुरत नहीं है। उन्होंने इस बात का खुलासा नहीं किया कि निर्वाचन आयोग राज्य में कितने चरण में राज्य विधानसभा के चुनाव कराने के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम सुचारु रुप से चल रहा है और इस काम के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा अनुमानिक लक्ष्य को हासिल कर लिया जायेगा। आयोग ने इस बार निर्वाचक नामावली में बडे पैमाने पर युवा और महिलाओं को जोडने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

इलाहाबाद: देश की युवा पीढ़ी पूर्व प्रधानमंत्री के करिश्माई व्यक्तित्व को चित्र प्रदर्शनी से जानेगी। इंदिरा गांधी के जन्म शताब्दी समारोह पर स्वराज भवन में सोमवार से शुरू हुई चित्र प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह मात्र प्रदर्शनी नहीं, इंदिरा के साहस और संघर्षशील व्यक्तित्व को समेटे दस्तावेज है। समारोह में सोनिया गांधी ने कहा कि आज की पीढ़ी ने इंदिरा के बारे में सुना है। चित्रों में इंदिरा के संवेदनशील और करिश्माई व्यक्तित्व के बारे में प्रदर्शनी से पता चलेगा। स्वराज भवन में इंदिरा गांधी का जन्म हुआ। यहीं से उन्होंने राजनीति में कदम रखा। स्वराज भवन से उनका भावनात्मक लगाव रहा। इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की ओर से आयोजित समारोह में सोनिया गांधी ने कहा कि इंदिरा सिर्फ सास नहीं, बल्कि मां की तरह थीं। उनसे ही भारतीय संस्कृति और राजनीति सीखी। शहर के गणमान्य लोगों को संबोधित करते हुए सोनिया गांधी ने कहा कि इंदिरा गांधी 1966 में जब प्रधानमंत्री बनीं तो देश तमाम संकटों से जूझ रहा था। उस वक्त विकट चुनौतियों का इंदिरा ने दृढ़ता के साथ सामना किया। विदेश नीति को आधार दिया। जाति, धर्म से ऊपर उठकर देश के लिए काम किया। देश को विभाजन करने वाली ताकतों से अंतिम सांस तक लड़ती रहीं। देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए। देश की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए इंदिरा शहीद हो गईं। भाषण के बाद कांग्रेस अध्यक्ष ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ चित्र प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) मुखिया मुलायम सिंह यादव के इनकार के बाद बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू), पश्चिमी उत्तर प्रदेश में प्रभाव रखने वाले राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) और दलित जनाधार वाले बीएस-फोर ने सोमवार को गठबंधन करते हुए राज्य विधानसभा के आगामी चुनाव साथ लड़ने का एलान किया। रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह ने जदयू के वरिष्ठ नेता शरद यादव, महासचिव के. सी. त्यागी तथा बीएसफोर के नेता बचान सिंह यादव के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता में इसका एलान करते हुए कहा कि यह गठबंधन आगामी विधानसभा चुनाव में लगभग सभी सीटों पर प्रत्याशी उतारेगा। उन्होंने बताया कि फिलहाल इस गठबंधन का कोई नाम नहीं है लेकिन यह ईमानदार गठबंधन होगा। फिलहाल यह तीन पार्टियों का गठजोड़ है, मगर कई अन्य छोटे दलों से बातचीत की जा रही है। सभी घटक दलों के अगुवा इस गठबंधन के नेता होंगे। सिंह ने सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भाजपा के खिलाफ सभी लोहियावादियों और चरणसिंहवादियों को एकजुट करने की कोशिश के तहत बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान महागठबंधन के बाकी सभी दल खुद को सपा में विलीन करने को तैयार हो गये थे, लेकिन तब सपा ने ही इनकार कर दिया था। अब सपा के साथ गठबंधन की बात हो रही थी, तब मुलायम विलय की बात कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया कि आखिर क्या कारण है कि मुलायम साम्प्रदायिक ताकतों के खिलाफ कोई गठबंधन नहीं बनने देना चाहते।

बांगरमउ (उन्नाव): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की स्वप्निल परियोजना ‘आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे’ का सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने लोकार्पण किया। वायुसेना के विमानों के उड़ान एवं लैंडिंग के लिए भी उपयुक्त लगभग 302 किलोमीटर लम्बा यह एक्सप्रेस-वे जरूरत पड़ने पर हवाई पट्टी के तौर पर भी काम करेगा। सामरिक लिहाज से भी उम्मीद जगाने वाले देश के इस सबसे लंबे छह लेन के एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन अवसर पर भारतीय वायुसेना के सुखोई समेत अत्याधुनिक विमानों ने इस सड़क से उड़ान भरी। एयरफोर्स के मिराज और सुखोई फाइटर समेत आठ प्‍लेन ने एक्‍सप्रेस-वे पर टच-डाउन और लैंडिंग की। इस एक्सप्रेस-वे को एयर स्ट्रिप के तौर पर बनाया गया है, ताकि इमरजेंसी में यहां प्लेन लैंड या टेक ऑफ कराए जा सकें। गौर हो कि इस एक्सप्रेस-वे के मुख्य कैरिज-वे का निर्माण 23 महीने के रिकॉर्ड वक्त में पूरा किया गया है। 'एक्सप्रेस-वे आगरा से शुरू होकर फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, औरैया, कन्नौज, हरदोई, कानपुर नगर और उन्नाव होते हुए लखनऊ तक पहुंचेगा। खास बात ये है कि इसे बनाने के लिए 10 जिलों के 232 गांवों में लगभग 3500 हेक्टेयर जमीन 30 हजार 456 किसानों से आपसी सहमति से खरीदी गई है।एक्‍सप्रेस-वे से लखनऊ से आगरा की दूरी साढ़े तीन घंटे में और लखनऊ से दिल्ली तक की दूरी सिर्फ 5 से 6 घंटे में तय की जा सकेगी।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख