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लखनऊ: यूपी में कोरोना संक्रमण के फैलाव और लोगों में इस वायरस के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता का स्तर जानने के लिए आज से सीरो सर्वे शुरू होगा। 4 से 8 सितंबर तक लखनऊ सहित चयनित 11 जिलों के लोगों के खून के नमूने लिए जाएंगे। प्रशिक्षित मेडिकल टीमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में रैंडम चयनित लोगों के नमूने लेंगी।  आशा कार्यकर्ताओं को इन लोगों को इकठ्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई है। नमूनों की जांच किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ में होगी। 

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोविड-19 वायरस के बढ़ते प्रसार को रोकने और भविष्य की योजनाएं बनाने में यह सर्वे कारगर होगा। रैंडम रूप से चयनित 4 स्थानों के 6 घरों में 18 से 59 साल के बीच के एक व्यक्ति को उसकी लिखित सहमति के बाद इस सर्वे में शामिल किया जाएगा। इसमें 18 से कम उम्र और 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को शामिल नहीं किया जा रहा है। रैंडम रूप से जिले के 45 चयनित स्थानों में 32 लोगों का खून का नमूना लिया जाएगा। इस दौरान चिकित्साधिकारी खून का नमूना लेने, उसे जांच के लिए भेजने और पूरी जानकारी लिखित रूप में दर्ज कराने का कार्य करेगा। 

 

महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ. डीएस नेगी ने बताया कि 4 सितंबर से शुरू होने वाले सीरो सर्वे की तैयारियां पूरी हो गई है। टीमों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अलग -अलग जिलों में टीम की उपलब्धता के अनुसार नमूने लिए जाएंगे। लखनऊ में मोहनलालगंज के गांव से नमूने लिए जाएंगे। 

इन जिलों में लिए जाएंगे नमूनेः लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, गोरखपुर, आगरा, प्रयागराज, कौशांबी, बागपत, मुरादाबाद, गाजियाबाद और मेरठ।

प्रदेश में मिले कोरोना के 5776 नए मरीज

कोविड-19 के संक्रमण के मद्देनजर देश में सर्वाधिक सैंपल की जांच यूपी में हुई है। प्रदेश में अब तक 60,50,449 सैंपल की जांच का रिकॉर्ड बन गया है। वहीं, बृहस्पतिवार को प्रदेश में कोरोना के 5,776 नए मरीज मिले हैं। इसके साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या 2,47,101 हो गई। इसमें से 1,85,812 मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। जबकि बीते 24 घंटे में 76 मरीजों की मौत हो गई। इस तरह प्रदेश में अब तक 3,691 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। फिलहाल प्रदेश में 57,598 एक्टिव मरीज हैं। 

जांच के लिए तय शुल्क से अधिक लेने पर होगी कार्रवाई 

अपर मुख्य सचिव ने बताया कि निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज खर्च को लेकर शिकायतें मिल रही हैं। इसलिए इलाज के खर्च से संबंधित शासनादेश फिर से जारी किया जाएगा। निजी कोविड अस्पतालों में कोविड संबंधित जांच, इलाज का पैकेज निर्धारित किया गया है। इससे अधिक शुल्क लेने पर एपेडेमिक एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। कुछ प्रयोगात्मक दवाओं और आईएल-6 जांच का शुल्क इस पैकेज में शामिल नहीं किया गया है।

 

 

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