इटावा: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने शनिवार को कहा कि वह चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर एक हो जाएं और इसके लिए वह त्याग करने को भी तैयार हैं। कोरोना काल के बीच मिशन 2022 की तैयारियों में जुट चुके समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के लिए उनका यह बयान काफी मायने रखता है।
चाचा शिवपाल ने सीधे तौर पर स्वतंत्रता दिवस पर भतीजे को एक तरह से सुलह का संदेश दिया। शनिवार को स्वतंत्रता दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने इटावा के शहीद स्मारक पहुंचे प्रसपा मुखिया शिवपाल सिंह ने संवाददाताओं से कहा, देखिए हम चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर से एक हो जाएं । इसके लिए हमने तो पूरा त्याग करने के लिए कह ही दिया है। इसके बाद उन्होंने ट्वीटर पर अपना यह संदेश ट्वीट भी किया। इसके बाद शिवपाल ने चौधरी चरण सिंह कॉलेज में ध्वजारोहण भी किया। कोरोना की वह से प्रसपा के कार्यकर्ताओं ने सोशल डिस्टेंसिंग के साथ राष्ट्रगान गाया। दीगर है कि शिवपाल ने अक्टूबर 2018 में सपा से अलग होकर नई पार्टी बनाई थी।
अखिलेश यादव के सपा अध्यक्ष बनने के बाद जनवरी 2017 में यादव परिवार की कलह खुलकर सामने आ गई थी।
सपा ने शुरू की मिशन-2022 की तैयारी
उधर, कोरोना काल के लंबा खिचने के आसार के चलते समाजवादी पार्टी ने अब चुनौतियों को नए तरीके से निपटने पर काम शुरू कर दिया है। कार्यकर्ताओं में जोश बनाए रखने की मुहिम वर्चअुल संवाद के जरिए की जा रही है। साथ ही कोरोना संकट में सरकार की खामियों को उजागर करने में भी सपा खासी आक्रामक दिखती है। इस मुहिम में उसे मुकाबला कांग्रेस और बसपा से भी करना पड़ रहा है। उसकी निगाह मिशन-2022 पर है।
अखिलेश कई जिलों में कर चुके हैं वर्चुअल संवाद
सपा अब केंद्र व यूपी की सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है। 2022 के चुनाव में भाजपा के विकल्प के रूप में खुद को जनता के सामने पेश करने की मुहिम अभी से शुरू कर दी है। अखिलेश यादव अब वीडिया कांफ्रेंस के जरिए जिलों-जिलों के कार्यकर्ताओं से संवाद कर रहे हैं। वह जिलों के पदाधिकारियों से उनके द्वारा किए गए कामों का फीडबैक भी ले रहे हैं। हाल ही में उन्होंने अयोध्या, बिजनौर, महोबा, कन्नौज, गोंडा, कानपुर, चंदौली, आजमगढ़ व सिद्धार्थनगर जिले के कार्यकर्ताओं के साथ सोशल मीडिया के जरिए संवाद किया।
अखिलेश का कार्यकर्ताओं को साफ संदेश है कि भाजपा जनविरोधी काम कर रही है। उसके झूठ व प्रोपेगंडा की असलियत जनता को बताई जाए। जनता को याद दिलाया जाए कि कैसे सपा सरकार के वक्त काम मौजूदा सरकार ने रोक दिए। खास तौर पर लैपटाप योजना आदि का बंद किया जाना। साथ ही संगठन के अधूरे पड़े काम को भी पूरा किया जा रहा है। इसमें जिला अध्यक्षों की नियुक्ति भी शामिल है।