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लखनऊ: समाजवादी चिंतक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री जनेश्वर मिश्र का 87वां जन्म दिवस बुधवार को राजधानी लखनऊ सहित विभिन्न जिलों में मनाया गया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने उन्हें याद करते हुए कहा कि जनेश्वर मिश्र ने गरीबों, नौजवानों, किसानों और कमजोर तबके के लोगों के हितों के लिए सतत संघर्ष किया। आपातकाल के विरोध और लोकतंत्र की रक्षा के लिए उन्होंने जेल की यातनाएं सही थीं। समाजवादी आंदोलनों में वे सदैव आगे रहते थे। अपने अंतिम क्षणों तक वे संघर्षशील रहे। 

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से लखनऊ के जनेश्वर मिश्र पार्क में पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी ने उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। सपा के जिला कार्यालयों और युवा संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में छोटे लोहिया के रास्ते पर चलने का संकल्प लिया गया। इस अवसर पर जनेश्वर मिश्र की पुत्री मीना तिवारी, उनके दामाद चंद्रशेखर तिवारी और सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उतम पटेल ने भी श्रद्धासुमन अर्पित किए। इसके अलावा समाजवादी पार्टी मुख्यालय और जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट कार्यालय में भी उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। 

 

रामराज और समाजवाद की धारणा मूल रूप से समान: शिवपाल

प्रसपा ने भी जनेश्वर मिश्र की जयंती के उपलक्ष्य में रामराज्य व समाजवाद विषयक कार्यशाला का आयोजन किया। इस अवसर पर प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने लोहिया के ऐतिहासिक भाषण रामायण मेला व राम पर आधारित और दीपक मिश्र द्वारा संपादित पुस्तक का विमोचन किया। कार्यशाला को संबोधित करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि रामराज और समाजवाद अवधारणा के दृष्टिकोण से तात्विक रूप से एक ही हैं। महात्मा गांधी के रामराज के प्रति सार्थक जनमत बनाने के लिए ही लोहिया रामायण मेला लगवाते थे। जनेश्वर मिश्र का मानना था कि गरीबों के आंसू पोंछना ही रामराज व समाजवाद का मूल मंतव्य है।

 

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