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लखनऊ: कानपुर के बर्रा से लैब टेक्नीशियन संजीत यादव के अपहरण व हत्या मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कड़ी कार्रवाई करते हुए कानपुर के एएसपी व सीओ सहित 10 पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच एडीजी बीपी जोगदंड को सौंपी गई है। मुख्यमंत्री योगी के आदेश के बाद वह तुरंत कानपुर पहुंचे। मामले में एक आईपीएस अधिकारी (एएसपी), एक पीपीएस अधिकारी (सीओ), एक निरीक्षक, दो उप निरीक्षक और पांच सिपाही हैं जिन पर कार्रवाई की गई है।

बता दें कि कानपुर के बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव (28) का अपहरण फिरौती के लिए उसके दोस्त ने साथियों के साथ मिलकर  किया था। 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी। इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी। बृहस्पतिवार रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।

 

पुलिस ने बताया कि कुलदीप संजीत के साथ सैंपल कलेक्शन का काम करता था। उसने रतनलाल नगर में किराये पर कमरा ले रखा है। 22 जून की रात शराब पिलाने के बहाने वह संजीत को अपने कमरे पर लाया। इसके बाद उसे बंधक बना लिया।

चार दिन तक बेहोशी के इंजेक्शन देकर उसे बंधक बनाए रखा। इसके बाद 26 जून को कुलदीप ने अपने दोस्त रामबाबू और तीन अन्य के साथ मिलकर संजीत की हत्या कर दी। इसके बाद कुलदीप शव को अपनी कार में रखकर पांडु नदी में फेंक आया। इस घटना ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

 

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