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कानपुर: कानपुर में 8 पुलिस वालों की हत्या के बाद इलाके के चौबेपुर थाने के ऊपर जांच बैठा दी दी गई है। ये पता करने के लिए कि किस पुलिस वाले ने मुखबिरी की है। पूरे थाने की जांच की जा रही है। कौन-कौन पुलिस वाले विकास दुबे के लिए काम करते थे। तीन थानों की फोर्स विकास के घर छापा मारने गई थी, लेकिन इसकी पूरी जानकारी विकास को पहले से थी। विकास ने पुलिस वालों की घेराबंदी कर उन्हें मार डाला। विकास से मिले होने की शक में चौबेपुर थाने के इंचार्ज विनय तिवारी को सस्पेंड कर दिया गया है। पुलिस ने सोशल मीडिया पर विकास दुबे का समर्थन करने वालों पर 'डंडा' 'चलाया है।

कानपुर के शिवराजपुर चौबेपुर और शिवली थाने की फोर्स आधी रात के बाद डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्र की अगुवाई में विकास को पकड़ने के लिए उसके बिकरू गांव को रवाना हुई। वहां पहुंच पुलिस ने देखा कि विकास ने अपने घर के रास्ते में जेसीबी मशीन लगाकर पुलिस की गाड़ियों का रास्ता बंद कर दिया है। इस पर पुलिस के लोग पैदल उस रास्ते पर बढ़े और जैसे की कुछ दूर गए। एक छत से उनके पर फायरिंग शुरू हो गई।

जान बचाने के लिए दूसरे रास्ते की ओर भागे तो वहां भी छत से फायर किए गए। बचने के लिए जब तीसरी तरफ भागे तो वहां भी उनके ऊपर छत से गोलियां चलीं।

इससे ये बात साफ हो रही है कि पुलिस के ऑपरेशन की जानकारी विकास को काफी पहले मिल गई थी। जिसकी वजह से उसे पुलिस के खिलाफ इतनी बड़ी योजना बनाने का वक्त मिल गया कि उसने रास्ते में जेसीबी भी खड़ी कर दी और गांव के सभी रास्ते पर छतों के ऊपर अपने गैंग के लोगों को हथियारों के साथ बिठा दिया।

कानपुर जोन के आईजी मोहित अग्रवाल ने मीडिया को बताया कि चौबेपुर थाने के हर कर्मचारी की जांच हो रही है, उनकी कॉल डिटेल की जांच की जा रही है। अगर कोई भी घर का भेदी पाया गया तो उसके खिलाफ कड़ी आपराधिक कार्रवाई की जाएगी। चौबेपुर थाना इंचार्ज विनय तिवारी पर ये भी आरोप है कि जिस स्थानीय निवासी राहुल तिवारी की एफआईआर पर विकास दुबे के यहां छापा डालने पुलिस गई। विनय तिवारी ने उनकी एफआईआर लिखने से मना कर दिया था। राहुल तिवारी ने इस पर डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा से शिकायत की, तब उनके दबाव में विनय तिवारी ने विकास दुबे के खिलाफ एफआईआर लिखी।

कानपुर ने जोन के आईजी मोहित अग्रवाल ने मीडिया को बताया, 'डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्र की अगुवाई में रेड के लिए पुलिस की टीम में विनय तिवारी शामिल तो हुए लेकिन उसके घर पहुंचने से पहले ही टीम को छोड़कर भाग गए। इसलिए वो शक के दायरे में हैं और उनकी भूमिका की जांच हो रही है।' अग्रवाल ने कहा कि अगर पूर्व थाना इंचार्ज विनय तिवारी या चौबेपुर थाने का कोई भी पुलिस कर्मचारी विकास के लिए मुखबिरी करने का दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ पुलिस बल की हत्या की साजिश का भी मुकदमा कायम होगा।

मालूम हो कि जो डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्र पुलिस टीम को लीड कर रहे थे। विकास के गैंग के लोगों ने उनको विकास के मामा प्रेम प्रकाश पांडेय के घर में खींचकर गोलियों से छलनी कर दिया था।

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