लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिवसेना और संजय राउत पर पलटवार किया है। शिवसेना के मुख्यपत्र 'सामना' के संपादकीय में अपनी तुलना जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर से किए जाने पर सीएम योगी ने कहा है कि अगर महाराष्ट्र सरकार प्रवासी श्रमिकों के लिए सौतेली मां भी बन गई होती, तो वे वापस उत्तर प्रदेश नहीं आते। राज्यसभा सांसद संजय राउत सामना के संपादक भी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से इस मुद्दे पर एक के बाद एक कई ट्वीट किए गए हैं। एक ट्वीट में संजय राउत को टैग करते हुए लिखा गया है, 'एक भूखा बच्चा ही अपनी मां को ढूंढता है। यदि महाराष्ट्र सरकार ने 'सौतेली मां' बन कर भी सहारा दिया होता तो महाराष्ट्र को गढ़ने वाले हमारे उत्तर प्रदेश के निवासियों को प्रदेश वापस न आना पड़ता।'
'शिवसेना की सरकार से सिर्फ छलावा ही मिला'
एक अन्य ट्वीट में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पर तीखा हमला बोला गया है। इसमें कहा गया है कि उद्धव ठाकरे के व्यवहार के लिए मानवता कभी माफ नहीं करेगी।
योगी ने कहा है, 'अपने खून पसीने से महाराष्ट्र को सींचने वाले कामगारों को शिवसेना-कांग्रेस की सरकार से सिर्फ छलावा ही मिला। लॉकडाउन में उनसें धोखा किया, उन्हें उनके हाल पर छोड़ दिया और घर जाने को मजबूर किया। इस अमानवीय व्यवहार के लिए मानवता उद्धव ठाकरे को कभी माफ नहीं करेगी।'
'चिंता का नाटक न करें'
एक अन्य ट्वीट में योगी कार्यालय ने लिखा है, 'अपने घर पहुंच रहे सभी बहनों भाइयों का प्रदेश में पूरा ख्याल रखा जायेगा। अपनी कर्मभूमि को छोड़ने के लिए मजबूर करने के बाद उनकी चिंता का नाटक मत कीजिए। सभी श्रमिक कामगार बंधु आश्वस्त हैं कि अब उनकी जन्मभूमि उनका हमेशा ख्याल रखेगी, शिवसेना और कांग्रेस आश्वस्त रहे।'
सामना में सीएम योगी की तुलना हिटलर से
संजय राउत राज्यसभा सांसद होने के साथ ही शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादक भी हैं। शिवसेना के संपादकीय का इस्तेमाल अक्सर विरोधियों पर निशाना साधने के लिए किया जाता है। हाल ही संजय राउत ने एक संपादकीय में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ की तुलना हिटलर से की थी। उन्होंने लिखा कि यूपी में प्रवासियों के साथ हो रहे अत्याचार और जर्मनी में यहूदियों के साथ हुए अत्याचार एक समान हैं। संपादकीय में लिखा गया कि देशभर से आने वाले मजदूरों को उनके मूल स्थानों पर जाने की अनुमति नहीं है।
गौरतलब है कि हाल ही में यूपी के सीएम ने जिले के अधिकारियों को पैदल, साइकल या ट्रकों पर आने वाले प्रवासी मजदूरों को रोकने का आदेश दिया था। इसके साथ ही योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा था कि अधिकारी मजदूरों के लिए भोजन और आश्रय की व्यवस्था करें और उन्हें बसों से उनके गांवों तक पहुंचाएं।