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लखनऊ: समाजवादी पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं की हत्याओं व इस पर सरकार की अनदेखी का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर समाजवादी पार्टी ने सोमवार को शून्यकाल में विधानसभा से वाकआउट किया। सदन में इसको लेकर सत्ता पक्ष व सपा के बीच जमकर नोकझोंक हुई। ससंदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि इन मामलों में सरकार ने कार्रवाई की है। उन्होंने याद दिलाया कि 2017 में उनकी सरकार ने प्रदेश को जंगलराज से मुक्त कराया। विधानसभा में सपा के संजय गर्ग ने काम रोको प्रस्ताव के तहत यह मामला उठाया।

उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद सपा कार्यकर्ताओं की हत्याओं का सिलसिला तेज हो गया है। इसमें भी एक यादव वर्ग के कार्यकर्ताओं की विभिन्न जिलों में हत्याएं की गईं। उन्होंने इन घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब एक योगी के हाथ में सरकार की कमान है तो जलन के वशीभूत होकर हत्याएं क्यों कराई जा रही हैं? इस पर संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सरकार ने इन घटनाओं पर कार्रवाई भी की है। 2012 से 2017 तक सपा सरकार का जंगलराज खत्म किया। यह सरकार का ही भय है कि 15892 मुजरिम 30 जून 2019 तक समर्पण कर चुके हैं।

पुलिस कार्यवाही से 83 अपराधी मारे गये।

इस पर सपा सदस्यों ने शोर-शराबा शुरू किया तो खन्ना ने कहा कि विपक्ष को सुनना भी चाहिए। प्रतापगढ़ में सीओ की हत्या इनके राज में हुई। मुजफ्फरनगर में कितने लोग मारे गए। इनकी सरकार में 600 से ज्यादा पुलिस कर्मियों पर हमले की घटनाएं हुईं। इस पर नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी ने कहा कि राजनीतिक द्वेष से सपा कार्यकर्ताओं की चुन-चुन कर हत्याएं हो रही हैं। खन्ना ने इसे गलत बताते हुए कहा कि इनके राज में तो कानून-व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई थी। इस पर असंतुष्ट होकर सपा ने सदन से वाकआउट किया।

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