रामपुर: पूर्व सांसद एवं भाजपा नेत्री जयाप्रदा ने सपा नेता मोहम्मद आजम खां के सांसद निर्वाचित होने पर सवाल उठाए हैं। जयाप्रदा ने आरोप लगाया कि आजम खां ने लाभ के पद पर रहते हुए लोकसभा का चुनाव लड़ा। संवैधानिक रूप से आजम खां सांसद नहीं रह सकते। आयोग को उनकी सदस्यता शून्य घोषित करनी चाहिए। उन्होंने इस संबंध में आयोग को चिट्ठी लिखी है।
शुक्रवार को मीडिया से रूबरू जयाप्रदा ने कहा कि मोहम्मद आजम खां ने दो अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था, उस समय वह मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में कुलाधिपति के रूप में लाभ के पद पर थे। यह अनुच्छेद 102(1) ए व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के सेक्शन 9(ए) और संविधान के अनुच्छेद 191(1)ए का उल्लंघन है। उन्होंने हवाला दिया है कि वर्ष 2006 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लोकसभा से इस्तीफा देकर रायबरेली से फिर से चुनाव लड़ना पड़ा था, क्योंकि सांसद होने के साथ-साथ वह राष्ट्रीय सलाहकार परिषद में लाभ के पद पर थीं।
इसी तरह जया बच्चन राज्यसभा सदस्य होने के साथ उत्तर प्रदेश फिल्म विकास निगम की अध्यक्ष भी थीं। इसके कारण उनकी सदस्यता भी समाप्त हो गई थी। जयाप्रदा ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का भी हवाला दिया है, जिसमें उनका कहना है कि किसी सांसद या विधायक ने लाभ का पद लिया है तो उसकी सदस्यता समाप्त होगी, चाहे उसने वेतन और दूसरे भत्ते आदि लिए हों या नहीं। दूसरी ओर सपा सांसद मोहम्मद आजम खां ने इस प्रकरण पर कुछ भी बोलने से इनकार किया है।