नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद बसपा की पहली समीक्षा बैठक में पार्टी प्रमुख मायावती ने सपा के साथ गठबंधन के भविष्य को लेकर इशारों में सवाल खड़े कर दिए हैं। बसपा अध्यक्ष मायावती ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के निराशाजनक प्रदर्शन पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पार्टी के पदाधिकारियों से गठबंधनों पर निर्भर रहने के बजाय अपना संगठन मजबूत करने का निर्देश दिया। मायावती ने आगामी उपचुनाव भी बसपा द्वारा अपने बलबूते लड़ने की बात कह कर उत्तर प्रदेश में सपा के साथ भविष्य में गठबंधन नहीं करने का संकेत दिया है।
बसपा में अंदरूनी हलचल को देखते हुए सपा से रार छिड़ना तय माना जा रहा है। उधर, सपा-बसपा में दरार की खबरों पर मायावती के भतीजे आकाश ने सफाई दी है। उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट में कहा कि मीडिया में मायावती के बयान आ रहे हैं कि बसपा अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेगी। परंतु बसपा ने इसका खंडन किया है। बैठक में गठबंधन के भविष्य पर कोई फैसला नहीं किया गया है।
यादवों के वोट बसपा को नहीं मिले
सूत्रों ने बताया कि लोकसभा चुनाव के परिणाम की समीक्षा के लिए मायावती ने सोमवार को यूपी के पार्टी पदाधिकारियों और निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की बैठक में कहा कि बसपा को जिन सीटों पर कामयाबी मिली उसमें सिर्फ पार्टी के परंपरागत वोटबैंक का ही योगदान रहा। बैठक में मिले फीडबैक के आधार पर बसपा अध्यक्ष ने लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद बसपा के पक्ष में यादव वोट स्थानांतरित नहीं होने की भी बात कही । हारे हुए उम्मीदवारों और पार्टी के प्रभारियों की रिपोर्ट में जमीन पर गठबंधन काम न करने की रिपोर्ट दी गई थी। बैठक में शिवपाल यादव द्वारा वायदव वोटो में सेंधमारी को सपा द्वारा न रोक पाने की चर्चा भी हुई।
अपने बूते उपचुनाव लड़ेगी
बसपा सूत्रों ने कहा कि बसपा प्रमुख ने विभिन्न राज्यों में विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में किए गए गठबंधन से उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिलने का हवाला देते हुए कहा कि अब बसपा अपना संगठन मजबूत कर खुद अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी। लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश के 11 विधायकों के चुनाव जीतने के बाद इन सीटों पर उपचुनाव प्रस्तावित है।
नई रणनीति के संकेत
समझा जाता है कि मायावती ने लोकसभा चुनाव में कुछ विधायकों के सांसद बनने के कारण रिक्त हुई विधानसभा सीटों पर आने वाले दिनों में होने वाले उपचुनाव भी अपने बलबूते लड़ने का पार्टी नेताओं को निर्देश दिया है। उन्होंने इस बाबत पार्टी पदाधिकारियों से उपचुनाव की तैयारियों में जुट जाने के लिए कहा। बसपा आमतौर पर उपचुनाव से दूर रहती रही है। इसलिए मायावती के निर्देश को उनी नई रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
नवनिर्वाचित सांसद, विधायक पदाधिकारियों से बैठक
सूत्रों के अनुसार दिल्ली स्थित बसपा कार्यालय में हुई बैठक में पार्टी की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष आर एस कुशवाहा, राज्य में पार्टी के सभी विधायक, नवनिर्वाचित सांसद, प्रदेश के सभी जोनल कोऑर्डिनेटर के अलावा सभी जिला अध्यक्षों को भी बुलाया गया था। समीक्षा बैठक में मायावती ने लोकसभा चुनाव के दौरान समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने के लिये गठित की गई भाईचारा समितियों को आगे भी काम करते रहने को कहा है। पार्टी प्रमुख ने मंडल स्तर पर कुछ बसपा समन्यवकों की जिम्मेदारियों में फेरबदल किया है।
लगातार चल रही समीक्षा
बसपा प्रमुख मायावती लोकसभा चुनाव परिणाम की पिछले तीन दिनों से राज्यवार समीक्षा कर रही हैं। लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन के बावजूद पार्टी को उम्मीद के मुताबिक परिणाम नहीं मिल सके। सोलहवीं लोकसभा के चुनाव में एक भी सीट जीतने में नाकाम रही बसपा को हाल ही में संपन्न हुए चुनाव में उत्तर प्रदेश से महज 10 सीटों पर जीत हासिल हो सकी है।