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लखनऊ: लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद समाजवादी पार्टी में फेरबदल की कवायद शुरू हो गई है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने सोमवार को पार्टी कार्यालय में हार के कारणों पर मंथन किया। अखिलेश ने कई पूर्व मंत्रियों, विधायकों व अन्य नेताओं से फीडबैक लेकर चारों यूथ संगठनों को भंग कर दिया है। हालांकि अभी इसकी अधिकृत घोषणा नहीं हुई है। लोकसभा चुनाव में पार्टी के सिर्फ पांच सांसद जीते हैं। परिवार के सदस्यों में डिंम्पल, धर्मेंद्र व अक्षय यादव की हार हुई है। हार के कारणों को जानने के लिए अखिलेश यादव के साथ मुलायम सिंह भी पार्टी मुख्यालय पहुंचे। 

पिता-पुत्र विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष अहमद हसन, पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह, अरविंद सिंह गोप, अवधेश प्रसाद, योगेश प्रताप सिंह, विधायक मनोज पारस समेत कई नेताओं से अकेले मिले और साथ में बैठकें कीं। माना जा रहा है कि जल्द ही जिला या लोकसभा क्षेत्रवार प्रमुख नेताओं को बुलाकर हार के कारणों की समीक्षा की जाएगी।

 

संगठन में बड़े फेरबदल के संकेत

सूत्रों के अनुसार, चारों युवा संगठनों समाजवादी युवजन सभा, लोहिया वाहिनी, मुलायम सिंह यूथ ब्रिगेड और छात्रसभा को भंग करने का फैसला ले लिया गया है। इसका औपचारिक एलान अभी नहीं हुआ है। अन्य फ्रंटल संगठनों के साथ ही मुख्य संगठन पर गाज गिरने की संभावना है।

ओम प्रकाश को दी जा सकती है जिम्मेदारी 

अखिलेश यादव से मिलने के लिए दोपहर में पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह पार्टी कार्यालय पहुंचे तो उन्हें अहम जिम्मेदारी देने की अटकलें लगाई जाने लगीं। हालांकि ओम प्रकाश सिंह ने संगठन में किसी तरह के बदलाव की जानकारी से इनकार किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलकर चुनाव परिणामों पर चर्चा की। मनोज पारस ने भी उन्हीं की बात दोहराई।

उपचुनावों व 2022 पर नजर 

माना जा रहा है कि सपा की नजर आने वाले समय में होने वाले विधानसभा उपचुनावों व 2022 के विधानसभा चुनाव पर है। लोकसभा चुनाव में हार से सबक लेते हुए संगठन में बड़े बदलाव किए जाएंगे।

 

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