लखनऊ: उत्तर-प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य विधानमंडल के किसी के भी सदस्य बनने तक लोकसभा सदस्य बने रहेंगे। पार्टी के एक शीर्ष नेता ने संकेत दिए हैं कि किसी के इस्तीफे की कोई जल्दबाजी नहीं है। उत्तर प्रदेश के नए प्रदेश अध्यक्ष का फैसला भी अगले माह ही होने की संभावना है। उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री समेत कुछ मंत्री अभी किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। 19 मार्च को शपथ लेने के बाद इन सभी को 18 सितंबर तक विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य बनना जरूरी है। विधान परिषद की चार रिक्त हुई सीटों के लिए 15 सितंबर को चुनाव होने हैं। संभावना है कि मुख्यमंत्री के साथ दोनों उप मुख्यमंत्री इनके जरिये विधान परिषद के सदस्य बनेंगे। गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के विधानसभा चुनाव का परिणाम भी सोमवार को आ रहा है। वे भी चुनाव जीतने की स्थिति में ही राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देंगे। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की 24-25 सितंबर को दिल्ली में होने वाली बैठक में चुनावी तैयारियों के लिए सभी सांसदों व विधायकों को भी बुलाया गया है। यह एक तरह से विस्तारित कार्यकारिणी होगी।
यह पहला मौका होगा जब सभी सांसद व विधायक किसी कार्यकारिणी में हिस्सा लेंगे। इसमें एक साल से चल रहे पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी कार्यक्रमों का समापन भी होगा।