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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में कैफियत एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन और ब्रेक यान सहित 12 डिब्बे पटरी से उतर गए जिसके कारण कम से कम 74 लोग घायल हो गए हैं। हादसे में अभी तक किसी की जान जाने की कोई खबर नहीं है। राज्य में पिछले चार दिनों में यह दूसरी बड़ी ट्रेन दुर्टना है। मौके पर मौजूद औरैया के पुलिस अधीक्षक संजय त्यागी ने, आजमगढ़ से दिल्ली जा रही कैफियत एक्सप्रेस कल देर रात करीब पौने तीन बजे औरैया जिले के पाटा और अछल्दा रेलवे स्टेशन के बीच पटरी पर पलटे एक बालू भरे डंपर से टकरा गयी। इससे ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए और उनमें से एक पलट गया। त्यागी ने कहा, दुर्घटना में अभी तक करीब 74 लोगों के घायल होने का अनुमान है। सभी को आसपास के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा, घायलों में से दो की गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें इटावा रेफर किया गया है। त्यागी के अलावा जिले के पुलिस अधीक्षक समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। दुर्घटना स्थल से घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए औरैया और पड़ोसी इटावा तथा कन्नौज जिले से एम्बुलेंस को मौके पर भेजा गया है। एनडीआरएफ की टीमें भी भेजी जा चुकी हैं।

रेलवे बुलेटिन के अनुसार आज हुए ट्रेन हादसे की वजह से हावड़ा नई दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस को दूसरे मार्ग से भेजा गया है और कानपुर नई दिल्ली शताब्दी एक्सप्रेस समेत सात रेलगाड़ियों का संचालन निरस्त कर दिया गया है। अप और डाउन लाइन बाधित होने की वजह से करीब 40 लोकल रेल गाड़ियों का मार्ग बदला गया है। सुबह गृह विभाग के सचिव भगवान स्वरूप ने लखनऊ में कहा था कि यह हादसा फाटक रहित रेलवे क्रॉसिंग पर नहीं हुआ बल्कि पटरी के समानांतर सड़क पर लोडर के पलटने की वजह से हुआ है। सुबह उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) के एक प्रवक्ता ने कहा था कि हादसे में कम से कम 21 यात्री घायल हुए हैं। जबकि तड़के उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एम सी चौहान ने बताया था कि इस दुर्घटना में कम से कम 50 व्यक्ति घायल हुए हैं। रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने ट्वीट किया है, वह व्यक्तिगत रूप से हालात पर नजर रख रहे हैं और वरिष्ठ अधिकारियों को घटनास्थल पर जल्द पहुंचने के आदेश दे दिए हैं। उत्तर मध्य रेलवे सूत्रों ने बताया कि हादसे के समय समर्पित मालभाड़ा गलियारा का काम दुर्घटना स्थल पर चल रहा था। उन्होंने बताया कि डंपर रेलवे का नहीं है। उत्तर मध्य रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि बचाव अभियान पूरा हो गया है और सभी घायलों को निकट के अस्पतालों में इलाज के लिए भेजा गया है। उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक एम सी चौहान और संभागीय क्षेत्रीय प्रबंधक घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं। पिछले चार दिनों में प्रदेश में यह दूसरी ट्रेन दुर्घटना है। इससे पहले 19 अगस्त को मुजफ्फरनगर में उत्कल एक्सप्रेस दुर्टनाग्रस्त हो गई थी। उस हादसे में 22 लोगों की मौत हो गई थी और 156 यात्री घायल हो गए थे। हादसे के चलते अप और डाउन लाइन भी ठप है। कानपुर में खड़ी ट्रेनों को कासगंज के रास्ते भेज जा रहा है और इलाहाबाद से ट्रेनों को लखनऊ-मुरादाबाद के रास्ते भेजा जा रहा है। कानपुर से घटनास्थल के बीच फंसी ट्रेनों को कानपुर लाया जाएगा। डंपर पलटते ही उसके चालक ने 100 नंबर पर पुलिस को खबर कर दी, जिससे पुलिस तुरंत मौके पर पहुंच गय़ी और बड़े अफसरों को भी तुरंत सूचना हो गयी। इससे राहत कार्य तुरंत शुरू हो गया और पलटी बोगियों में फंसे यात्रियों को तुरंत मदद मिल गयी। पुलिस ने तुरंत सामने खजुरिया का पुरवा गांव भी खबर भेज दी जिससे तमाम ग्रामीण भी मदद के लिए पहुंच गए। ग्रामीणों ने जी-जान लगाकर पुलिस के साथ बोगियों में फंसे यात्रियों को बाहर निकाला। पुलिस की सूचना पर एम्बुलेंस के सात्र यात्रियों को वहां से ले जाने के लिए रोडवेज की बसें और निजी वाहन भी घटना स्थल पर पहुंच गए। घायलों के अलावा दुर्घटनास्थल पर फंसे यात्रियों को रोडवेज बसों और पुलिस के वाहनों से अछल्दा भेजा गया जहां से उनको ट्रेन से दिल्ली भेजा गया। कुछ यात्री अपने साधनों से वहां से अपने गंतव्य तक गए। यात्रियों को यह मदद भी तुरंत मिल गयी जिससे ज्यादा देर वहां भटकना नहीं पड़ा।

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