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लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने तीन तलाक मामले में सर्वोच्च न्यायालय के आए फैसले का स्वागत किया, लेकिन कहा कि अब केंद्र सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह आरएसएस के 'गुप्त एजेंडे' की राजनीति किए बिना समय सीमा के भीतर कानून बनाए. मायावती ने अपने बयान में कहा, "देश में तीन तलाक के मामले में व इसकी आड़ में मुस्लिम महिलाओं का वर्षों से जो शोषण व उत्पीड़न हो रहा था, उसके मद्देनजर सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का बसपा दिल से स्वागत करती है। वैसे तो सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का संविधान पीठ द्वारा बारीकी से अध्ययन किया जाना बाकी है, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय की पांच जजों की संविधान पीठ ने 3:2 के बहुमत के फैसले से तीन तलाक को असंवैधानिक करार देकर इस पर पाबंदी लगाते हुए केंद्र सरकार से इस संबंध में छह महीने के भीतर कानून बनाने के लिए कहा है, जिसका समय से अनुपालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "न्यायालय का मानना है कि यह अच्छा होता कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड खुद ही पूरी तत्परता के साथ तीन तलाक के मामले में कार्यवाही करता। न्यायालय का यह भी मानना है कि इस बुराई की रोकथाम के लिए जितनी तत्परता से इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए थी, वह नहीं की गई. इसी कारण न्यायालय को ऐसा हस्तक्षेप करना पड़ा है।

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