लखनऊ: यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सीएम योगी के जन्मअष्टमी वाले बयान का जवाब देते हुए कहा कि थानों में जन्मअष्टमी पहले भी मनाई जाती थी। सपा ने कभी जन्मअष्टमी पर रोक नहीं लगाई। उन्होंने कहा कि योगी जी नए भारत के डिजिटल मुख्यमंत्री हैं, बताएं कि 100 साल में थानों में कब जन्माष्टमी नहीं मनी। अखिलेश ने ये भी कहा कि सड़कों पर कई त्योहार मनाए जाते हैं तो सिर्फ मुस्लिमों की नमाज पर निशाना क्यों। अखिलेश ने आज (शुक्रवार) प्रदेश सरकार पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान निशाना साधा। उन्होंने कहा, उत्पीड़न की सीमाएं खत्म हो चुकी हैं। पहले आरोप लगता था कि थाने सपा चला रही है। अब थाने कौन चला रहे हैं। सपा के सांसद को एक थाने से दूसरे थाने में रखा जा रहा है। अगर आप मिलने जाएं तो पुलिस नहीं मिलने देगी। बता दें कि औरैया में जलिा पंचायत अध्यक्ष के उपचुनाव के नामांकन के दौरान हुए उपद्रव से सूबे का सियासी माहौल गरमा गया था। इसके बाद अखिलेश ने औरैया जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। करीब दो घंटे बाद उन्हें छोड़ दिया गया था।अखिलेश की गिरफ्तारी के बाद जगह-जगह प्रदर्शन भी हुए और सपा स्टूडेंट विंग ने एनेक्सी में ताला लगाने की कोशिश भी की थी।
उन्होंने कहा कि मुझे चुनाव के वक्त के सरकार के शब्द याद हैं। उन्हें बहुमत का घमंड था। झांसी और गोरखपुर की मेट्रो की बात कर रहे थे। अब केंद्र सरकार ने ऐसी व्यवस्था कर दी है कि कहीं मेट्रो नहीं बनेगी। अखिलेश ने कहा कि सरकार को सीबीआई से बहुत लगाव है। सीबीआई भी उनके अंडर है। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में बच्चों की मौत की सीबीआई या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाएं। बता दें कि बीते दिनों लखनऊ के केजीएमयू में हुए एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछली सपा सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा था कि सड़क पर ईद की नमाज नहीं रोक सकते तो थानों और पुलिस लाइन में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाने पर रोक लगाने का हक नहीं है। यदुवंशी कहलाने वालों ने थानों, पुलिस लाइन में जन्माष्टमी के आयोजनों पर रोक लगा दी थी। श्रीकृष्ण के नाम पर एक ही तो पर्व है। भगवान कृष्ण का कीर्तन, स्मरण करते हुए न जाने किस पर प्रभाव पड़ जाए, पुलिस की व्यवस्था में सुधार हो, इसलिए हमने भव्य आयोजन के निर्देश दिए। ‘कांवड़यात्रा है शवयात्रा नहीं’ सीएम योगी ने कांवड़ यात्रा को लेकर भी जो बयान दिया था जिसके बाद वह विरोधियों के निशाने पर आ गए थे। उन्होंने कहा था, इस साल गाजियाबाद से हरिद्वार के बीच 4 करोड़ कांवड़ यात्री थे। हैरानी थी कि कांवड़ यात्रा में माइक या डीजे नहीं बज सकता था। यह कांवड़ यात्रा थी या शवयात्रा जो डमरू, ढोल, चिमटे भी नहीं बज सकते। हमने कहा कि प्रदेश में डीजे, माइक पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। पता नहीं कौन कांवड़ यात्री शिव अंश के रूप आ रहा है, इसलिए हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा कराई। किसी भी धर्मस्थल के बाहर से माइक की आवाज न आए, ऐसा आदेश लागू नहीं किया जा सकता।