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गोरखपुर: गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन के चलते हुई 36 बच्चों की मौत के बाद कॉलेज के प्रिंसिपल आके मिश्रा को सस्पेंड कर दिया गया है। शनिवार को स्वास्थय मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन मेडिकल कॉलेज पहुंच थे। जिसके बाद उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि अस्पताल में बच्चों की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। उन्होंने ये भी बताया कि अगस्त 2014 में 567, अगस्त 2015 में 558 और अगस्त 2016 में 587 बच्चों की मौत हुई है। प्रेस कांफ्रेंस के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बीआरडी मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल आके मिश्रा को सस्पेंड कर दिया। लेकिन दावा किया गया कि आके मिश्रा ने नैतिकता के आधार पर पहले ही प्रिंसिपल के पद से इस्‍तीफा दे दिया था। गोरखपुर के बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में पिछले छह दिनों में 63 लोगों की मौत हो गई। जान गंवाने वालों में नवजात बच्चे भी शामिल हैं। आज सुबह भी एक बच्चे की मौत हो गई। ये बच्चा इंसेफेलाइटिस से पीड़ित था। यूपी सरकार ने इस मामले मेजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।

बाल चिकित्सा केंद्र में बच्चों की मौतों के लिए इंफेक्शन और ऑक्सीजन की सप्लाई में दिक्कत को जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन अस्पताल और जिला प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी को मौत का कारण मानने से इनकार किया है। सीएम ने अपने दो मंत्रियों को भेज मामले की जांच रिपोर्ट मांगी है। स्वास्थय मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह और चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन मेडिकल कॉलेज पहुंचे। वहीं दूसरी तरफ गोरखपुर की राजनीति काफी तेज हो गई है। विपक्ष सरकार पर तीखे हमले कर रहा है। इस दुर्घटना के लिए पूरी तरह से प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया गया है। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने शनिवार सुबह पत्रकारों से बातचीत में कहा कि "गोरखपुर के बाबा राव दास मेडिकल कालेज में हुई इस दुखद घटना में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ निश्चित तौर पर कड़ी कावार्ई की जाएगी।" मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आधिकारिक टिवटर एकाउंट से आज ट्वीट किया गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की गहन जांच कर सख्त कावार्ई सुनिश्चित करने के निर्देश दिये। गोरखपुर हादसे के बाद पीएमओ ने ट्वीट किया कि पीएम नरेंद्र मोदी गोरखपुर घटना पर नजर बनाए हुए हैं। वह केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के संपर्क में हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव मेडिकल कालेज की स्थिति का जायजा लेंगे। पटेल गोरखपुर के लिए रवाना हो चुकी हैं। अनुप्रिया ने कहा कि प्रधानमंत्री को घटना पर बेहद दु:ख है। वह सही जानकारी मिले, इसके लिए गोरखपुर जा रही हैं। कांग्रेस ने कहा कि गोरखपुर के सरकारी अस्पताल में 36 बच्चों की मौत की "नैतिक जिम्मेदारी" लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह को इस्तीफा दे देना चाहिए। 9 अगस्त की आधी रात से लेकर 10 अगस्त की आधी रात तक 23 मौतें हुईं जिनमें से 14 मौतें नियो नेटल वॉर्ड यानी नवजात शिशुओं को रखने के वॉर्ड में हुई जिसमें प्रीमैच्योर बेबीज रखे जाते हैं। यह भी हैरतअंगेज है कि 10 अगस्त की रात को ऑक्सीजन की सप्लाई खतरनाक रूप से कम हो गई। ऑक्सीजन खत्म होने से अबतक 36 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस मामले में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने दो मंत्रियों को मामले की जांच के लिए गोरखपुर भेजा है। स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह और तकनीकी व चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने बीआरडी पहुंचकर हाल जाना। इसके बाद दोनों ने एक प्रेस कांफ्रेंस की जिसमें स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोई भी बच्चे की मौत ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। जितनी भी मौते हुई हैं वो सब इंसेफेलाइटिस की वजह से हुई है। उन्होंने कहा कि बीते तीन साल में प्रतिदिन 17-18 बच्चों की मौत हुई है। अगस्त 2014 में 567, अगस्त 2015 में 558 और अगस्त 2016 में 587 बच्चों की मौत हुई है। आशुतोष टंडन ने कहा कि मुख्यमंत्री खुद इस पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने मुझे और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह को बुलाया था और वहां इस मामले की जांच और पूरी रिपोर्ट मांगी है। वहीं विपक्षी दलों की ओर से उठाए गए सवाल पर स्वस्थ्य मंत्री ने कहा कि विपक्षी दलों को मौत पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। अस्पताल की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और चारों से पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है।

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