लखनऊ: नेपाल से पानी छोड़े जाने और लगातार हो रही बारिश से यूपी में बाढ़ का कहर लगातार जारी है। एक तरफ गंगा नदी तो दूसरी तरफ अन्य नदियां उफान पर हैं। यूपी में बांदा, बलिया, वाराणसी, सोनभद्र, इलाहाबाद, गाजीपुर, जालौन और महोबा समेत कई जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। इसके चलते लोग अपने गांव से पलायन करने के लिए मजबूर हो गए हैं। तो वहीं प्रशासन की तरफ से राहत कार्य जारी है। तो कई जिलों में प्रशासन द्वारा सैकड़ों गावों को हाई अलर्ट भी जारी किया गया है। बांदा में शनिवार सुबह केन का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया जिसके चलते प्रशासन ने जिले के करीब 75 गांवों को बाढ़ पीड़ित घोषित कर दिया है। शहर के छाबी तालाब, खुटला, निमनी पार, क्योटरा और राजघाट इलाकों में केन नदी का पानी घुस गया है। हालांकि, बांदा में बारिश अभी बंद है लेकिन केन नदी का जलस्तर एमपी में बारिश बंद न होने की वजह से लगातार बढ़ रहा है। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी पर इन दिनों गंगा का प्रकोप जारी है। गंगा खतरे का निशान पार कर चुकी हैं और अभी भी 2 सेमी प्रति घंटा की रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है।
गंगा का जलस्तर 71.82 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो खतरे के निशान 71.26 मीटर से लगभग 82 सेमी ऊपर बह रही हैं। तो वहीं लगातार हो रही बारिश का पानी शवदाह घाट और हरिश्चन्द्र घाट के ऊपर तक चढ़ आया है जिसके चलते लोग अब गलियों में शवदाह कर रहे हैं। इसके साथ ही वाराणसी के कई कॉलोनियों में भी बाढ़ का पानी चला गया है जिसकी वजह से लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इलाहबाद में गंगा यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है गंगा का जल तो खतरे के निशान से ऊपर बह रही है, जबकि यमुना का जल स्तर प्रति घंटे 5 मिली मीटर के हिसाब से बढ़ रहा है इलाहबाद शहर के निचले इलाकों के आलावा अब बाढ़ का कहर रिहाइशी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। इलाहबाद शहर के गॉस नगर, जे. के. नगर, अशोक नगर, गोविन्द पुर, राजा पुर और शिव कुटी इलाकों में भी बाढ़ का कहर है। प्रशासन ने निचले इलाको में रहने वालों के लिए अलर्ट भी जारी किया है। बलिया में गंगा और घाघरा डेंजर लाइन से कई मीटर ऊपर से बह रही है। बाढ़ के इस तबाही से गांवों के लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। वही गांवों में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए NDRF के टीम के साथ-साथ पीएसी की फ्लड यूनिट को भी बुलाया गया है। साथ ही बलिया के कई गांवों को अलर्ट भी जारी किया गया है। सोनभद्र में रिहंद और बाणसागर का बांध खुलने के बाद सोननदी का जलस्तर बढ़ने से कई गांवों पानी धुस गया है। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि लोग बाढ़ के पानी में से होकर जाने के लिए मजबूर हैं। गाजीपुर में गंगा खतरे के निशान से लगभग डेढ़ मीटर से ज्यादा ऊपर से बह रही है, ऐसे में गाजीपुर का जमांनियां क्षेत्र, सदर का करन्डा क्षेत्र और मोहम्दाबाद क्षेत्र सबसे ज्यादा प्रभावित है। जमांनियां में तो गंगा की बाढ़ से नेशनल हाइवे 24 जो गाजीपुर से जमांनियां होकर सैयदराजा को जोड़ने का मुख्य मार्ग है जिसपर खतरा पैदा हो गया है। यूपी के महोबा में बाढ़ को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है। महोबा जिला मुख्यालय पहाड़ों के बीच बसा हुआ है जहां एक भी नदी या नाला नहीं है। इसके बावजूद भी इस साल वहां बाढ़ के पानी ने कोहराम मचा दिया है। कई मुहल्लों में पानी घुस गया है, जिससे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। महोबा में पिछले कई सालों से पड़ रहे सूखे से यहां के लोगों को निजात तो मिली, लेकिन हो रही मूसलाधार बारिश ने अब यहां के लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी कर दी है।